पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/४१५

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मादुध--माधव:, " . मादुध (सं० वि०) मदुय घुक्षसम्बन्धीय।.. . "मा च ब्रह्मस्वरूपा या मूलप्रकृतिरीश्वरी। मादुर्गा (सं० नो० ) एक प्राचीन गांधका नाम । नारायणीति विख्याता विन्णुमाया सनातनी॥ ..' मादृश ( स० लि. ) अमिव दृश्यते इति दृश-फ्यिप् । महालक्ष्मीसरूपा च वंदगाता सरस्थनी। मत्सदृश, मेरे जैसा। राधा वमुन्धरा गङ्गा तामा स्यामी व माधः॥" मादृश (सति० ) अहमिव दृश्यते इति (त्यदादिपु दृशो- (ब्रह्मवैवर्त श्रीकृष्ण ११० अ०) नालोचने कञ्च। पा ३१२६०) इति कम् । मत्सदृश, मेरे मा शब्दमें ब्रह्मस्वरूपा तथा मूलप्रकृति, नारायणी, समान।. स्त्रियां डीप । मादशी । ___. सनातनी विष्णुमाया, महालक्ष्मी, चेदमाता सरस्वती, . 'स्य व पदवीं गच्छ गच्छेयुस्वादृशा यथा । राधा, वसुन्धरा, गङ्गा और इनके स्वामी माधय हैं। वास्येशे काले माहशेरभिचोदितः ।। ____ महाभारतमें लिखा है--मौन, ध्यान तथा योग. कथं नु भाऱ्या प्राणों तब कृष्णासखा विभो। साधन करनेसे ही माधव नाम हुआ है। धृष्टद्युम्नस्य मगिनी सभी कृष्यते मादृशी ॥" "मौनाद्ध्यानाच योगाच विद्धि भारत माधयम् ॥" . (भार० ११०८६३-६४) (मारत ५/७०।४) इस अर्थमें 'मान' ऐसा पद भी होता है। माधव नाम लेनेसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त माहा (अ० पु०) १ वह मूल तत्त्व जिससे कोई पदार्थ होता है। धना हो। २ मवाद, पोष। ३ योग्यता। ४ शब्दकी "ओं मित्य काक्षरे मं स्थितः सर्वगतो हरिः। . व्युत्पत्ति। माधवायेति वै नाम धर्मकामार्थमोक्षदम् ॥" माद्य (सपु०) मंदनीय, मदभावयुक्त। (बग्निपुराण) मादक (सं० पु०).मद्रदेशका राजपुत्र । २ वैशाख मास। मादकी ( स० स्रो० ) मद्राणी, मद्रदेशको रानी। "न वैन सख्या सहितो जगामानश्यां धनम् । माद्रकुलक (स० वि०) मद्रकुलसम्बन्धीय, मद्रकुलका।। पत्नीभिः स सम रन्तु माधवे मासि पार्थिव ॥" माद्रनगर (स० पु०) मन्दराजधानी । - (मार्क०पु. ११५२७ ) · मादयती (सं० स्त्रो०) राजा परीक्षितकी स्त्रोका नाम । ३ वसन्त ऋतु । ४ मधुकक्ष, महुएफा पेड़ । ५ मादो (स स्त्रो०) मरे जाता मद्-अप-डोप, भर्गा- कृष्णमुद्ग, काला उर्ट । ६ जीरकवृक्ष, जोरेका पेड़ 10 दित्वात् प्रत्यय लुम् । १ पाण्डु राजाकी पत्नी घोर मधुकभेद, एक प्रकारका महुआ। (वैद्यकनि०) ८ एक नकुल तथा सहदेवको माता । यह मद्रराजको कन्या भो। राजा पाण्डुके मरने पर यह उनके साथ सती हुई प्रकारका सङ्कर-राग। यह मल्लार, विलावल और नट यो। विशेष विवरण पाण्डु शब्दमें देती। नारायणको मिला कर मनाया गया है। एक राग। २ अतिविपा, अतीस। यह मैरवरागके आठ पुत्रों में से एक माना जाता है । १० । · मादीनन्दन ( स० पु.) नकुल और सहदेव । एक वृत्तका नाम। इसके प्रत्येक चरणमें ८ जगण होते माद्रीपति (स.पु.) माद्र याः पतिः। पाण्डुराज ।। हैं। इसीका दूसरा नाम 'मुफ्तहरा है। . मात करणलक (स त्रि०) मदुकस्थली नामक जनपद | माधव-एक विख्यात योगी। पे मधुसूदन सरस्वतीके जात, जिसका जन्म मद्रकस्थलीमें हुआ हो। गुरु थे। . माय (संपु०) माद्रीके गर्भ जात पुत्र, नकुल और माधव-कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रंथकारफे नाम । यथा--१ सहदेव । पकाक्षरकोपके प्रणेता । २.किरातार्जुनीय-टीका रब. माधय (सं० पु०) यदुपुत्रस्य मंघोरपत्यं पुमान् इति । यिता । ३ छन्दसीभाष्य और सामवेदसंहितामायके मधु-अण, मा लक्ष्मीस्तस्याः धयः, माया विद्याया धय | प्रणेता . '। ये नामी परिडत नारायणके पुत्र थे। इति वा । विष्णु, नारायण। . ., . । ४ जानकदप णके प्रणयनकर्ता ।। ५ ज्योतिषरतमाला Vol.XVII, 93