पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/६१४

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मचकना-पिटियासांप • सिमाना (दि. शिमांगोंका पार पार युलना और छल्ला जिसमें मुझे तारको एफ. नोक मागे निकली राहत । मंद होना। २ पलकों का माना या पंद होना। भीर जिससे सितार मादिके तार पर भाघात करके ..निचाना (हि किरदार यार माल खोलना और : पजाते है, स्टा। बंद करना। २ पलक झपकाना या यंद करके दवाना ।। मिज़ाज (भ.पु.) १ फिसो पदाधका यह मूल गुणो . से, मासे मिचकाना। । सदा यने रहे, तासीर । २ शरीर या मगंको पगाराको मिचना (हिं० कि० ) माघोंका यंद होना । यत । ३प्राणीको प्रधान प्रवृत्ति, स्वभाष । ४ भगिरान, . . .. मिचरामा (हिं० फि) यिना भूमसे माना, इच्छा न होने शेगी। पर भाभोमन करना। मिजाज आटी (म० खो०) पक पापयां जिसका प्यार मिचलाना (६ि० फि) के माने को होना, उबकाई आना, " किसोका शारीरिक पुशल मंगल पूछनेफे समय होता है। मिययाना (हि. मि० ) मोबनेका काम दूसरेसे फराना, । मिजाजदार (१० वि० ) घमंडी, जिसे यूय अभिमान हो। . दूसरेस माने यंद कराना। मिचिता (सं० स्रो०) १ एक प्राचीन नदी का नाम । ___ मिजाजपीरा ( हि० स्रो०) जिसे बहुत घस हो, मि. मिचौलना (हि. मि०, मीचना देखो। । मानी। मिच्छ । सं० पु.) एक वीर स्थपिरका नाम । मिजाजपुरसो (फा० स्त्री.) किसीसे यह पूछना कि मिचनी-पाय प्रदेश पेशायर तहसील मौर.जिलका आपका मिजाज तो अच्छा है, तबीयतका दाल पूछना। एक गिरिदुर्ग। यह अक्षा० ३४१७३० तथा. पेशा० मिमाज शरीफ़ (म०.पु०) पफ यापयांश जिसका व्ययहार १२७०पू०फे मध्य कायुल नदोफे वार किनारे भय । - फिसीका.मारीरिक कुशल मंगल पूछने के लिये होता है। स्थित है। फायुल भदौको पार फर' दुर्द गामन्द मिझोना (हि. पु० ) यह गूटी जोहल में सलमे लगी नामफ पहाड़ो अफगान मरेजी सीमा पर उपद्रय हुई लफडीके योचमें रहती है। मचाया करता था। उनका दमन करनेके लिपे पृदिशा मिटका (दि. पु०) मटका देवो । सरकारने १८५१ ५२ में यह गिरिदुर्ग पनवाया । मिटना (दिमि.) १ फिसो गति चिठ आदिका न दुर्ग बनाते समय हरंग सेनापति लेपरनापट | रद जाना। • २'पराव होगा, घरद होना। योलनोद उनके साथ मारा गया। १८५३ १०॥ यदाका होना। ४ नरदो जाना, न रद जाना। दुध निकटके पर्यत पर रहलने समय गुन शनुफे । मिटाना (हि० कि०) । रेखा, दाग विद आदि दूर शिकार बने। | करना। २ नए फरमा, न रहने देना। ३ करना। दुर्गपं. निकर कोई प्राम या गगर नहीं है। तरफ ४ सराव करना, बरयाद करना। "मामन्दगण इसके चारों मोर पस गपे है। इससे • इस स्थानका सम्मान पद गया दो दक्षिण जोमिटिया (६० खो०) १. मिट्टीका छोटा वरतन जिसमें "मामन्द लोग रहते है ये परेशी शासनाधीन है!-'मायः दूध. भादि- रमाता ६, मटको। (पि.)२ "मौर दूसरे पूर्ण स्थानोन है। : महरेजोस शासित मिहाका। स्यान रहनेवाले भनेक दोपी लोग दाट पाने के "मपसे मिरियाना, (दि० कि०) मिट्टी लगा कर साफ करना, "इस 'स्पानमें भापय लेते हैं। पेनायर दुर्गाधिप। रगहना या चिकना करना। निगोरिया जेनरल मधीन रहकर इस दुर्गफे गाय- मिटिया फुस (दियि०) जो कुछ भी न हो; बहुत ही . "या फाप्यों का सम्पादन करते है। यहां बगल पदाफममोर। शिक और मध्यारोही सेनादल रहा है। मिटिया मदल (दि० पु०) मिट्टीका मकान, मोपड़ी। मिगराय ( ) नारका बना हुमा एक प्रकारका निरिपासप (दि. ३०). मटमैले रंगका एक प्रकारका