पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/६७६

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- ., ... इसने। ६०२ .: पित्र करते थे। शासकों का नाम 'हा' ( Ha) होता था।। ३। किने प्रत्येक विभागमें स्वायत्तशासन या म्यूनिसिपल शासन- ..कुसर प्रणाली प्रचलित थी। प्रत्येक विभागमें हो धर्माधि. ४१. इसने करण रहता था और उसके उपयुक्त विचारक और भूतत्त्य । . : अन्यान्य कर्मचारी शासनव्यवस्था किया करते थे। दूसरे भूनत्त्वविद पण्डितोंने मित्रके उच्च और निम्न विभागक राजाके शासनकालमें विभागका परिवर्तन हो जाता था। भूमिका सरवेकर या नाप जोख कर भूमिका कर लगाया परीक्षा कर कहा है, "किसी विषयमें इनका सादृश्य जाता था। प्रत्येक विभागके सीमान्तसूचक अलग- नहीं। इसीलिपे ये दोनों विभिन्न देश मालूम होते हैं। और तो पया-पशु, उभिद् और प्राणि-राज्यमें भी अलग चिह्न बनाये गये थे। सम्पूर्ण रूपसे विभिन्नता दिखाई देती है। निम्न मिस्र ___ संधस या सिसस्निस् (settos or sisostris) के राजत्यकालमें मिस्रके ३६ विभाग बनाये गये थे। की भूमि समतल है, किन्तु उच्च-विभागको भूमि संवत भूगोलविद् टलेमीके समयमें ४७ विभाग थे। उस ही वालुकामयी और पत्थरके टुकड़ों तथा नदीके किनारेको भूमि मानाइट नामके पत्थरों से परिपूर्ण है। समय उच्च, निम्न और मध्य-पे तीन ही विभाग मुख्य थे। सन् ४०० ई० में अरबोंके राजत्यकाल में मिस्र के तीन प्राचीनकालमें इन्हीं सब पत्थरोंसे वहां पिरेमिड तय्यार ही विभाग दृष्टिगोचर होते हैं, मसर एल बहरी या हुआ था। निम्न मिस्र, फैयूमेल वास्तामी या मध्य मिस्र, एस् सैद नीलनद मिस्र के बीचसे यहता है, इसके अगल- या उच्च मिन। . . . . वगलकी भूमि उर्वरा हो गई है। मिसमें प्रायः पृष्टि पर्तमान समयमें इजिप्तके जो विभाग हैं, घे नीचे / नही होती। प्रतिवर्ष नीलनदकी वाढ़से दोनों किनारे- लिखे जाते हैं,- की भूमि इव जाती है। इसलिये मिस्रका नाम नदी- १। निम्न मिस्त्र के सात विसाग। मातृक देश है । प्राचीन मिस्रवासी नोलनदको पवित्रता विभाग प्रधान नगर। की प्रशंसा कर गये हैं। मिसके पश्चिममें पृथ्वीको । योहरिह सबसे बड़ी मयभूमि, मध्यस्थलमै पृथ्वीको सबसे बड़ी २। एलगिजे एलगिजे नदी और मनुष्योंकी फोर्तियोंके बहुत बड़े नमूने विद्यमान ३। काल्युचुये काल्युव हैं। ये दर्शकों के मनमें अद्भुत भावका उद्रेक करते हैं। ४। सरफिये जगाजिय निम्न मित्र या डेटेको भूमि माना 'शस्यसम्पदोसे ५। मेनुफिये भूपित रहती है। चारों ओर. विविध स्मृति-स्तम्भ ६। घरयिये तान्ता अतीत कीर्तियोंको अक्षय महिमाको स्मृति उद्रेक करते ७। दखलिये रहते हैं। मिस्र में प्राकृतिक दृश्य और मनुष्य-कोत्तिने मनसुरा। २।मध्य मिस्रके दो विभाग। समभावसे ही कालस्रोतमें प्रतिद्वन्द्रिता की है। मिसमें ११ चेनीसुरेफ) सभी जगह पर्वतश्रेणी विराजमान हैं। ये सभी पर्वत- येनीसुवेफ : मालाये. मनुष्य-शिल्पकी प्राचीन कीर्तियों के निदान अपने गात्र पर लिये बही हैं। पृथ्वीके किसी देशमें २। एलमिन्ये । पलमिन्ये , अतीत कीर्तियोंके इतने चिह्न नहीं पाये जाते। धीरस घेनोमेजर नगरीका ध्वंसावशेष आज भी ५६ कोसोंमें पड़ा ३१ उच्च मिस्र के चार विभाग। .. . हुआ है। . . १। आस्युत . आस्युत । . . यहाँको भावोहया साधारणत: उष्णप्रधान देशोंकी - २। गिजी सुहाग। तरह है। यहांकी वायु .अत्यन्त उत्तप्त और सूखी है। देमेनहुर सेयविन्