पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/६९९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पिस ६२३ शोभता था। फरठ, वाली, वाज, अंगूठी, नुपर, और ३० तक ये सब पिरामिड दिखाई देते है । छोटे बड़े ७० स्वर्णमय दर्पण आदि नाना प्रकार के अलकार प्रचलित पिरामिड आज भी विद्यमान हैं । हावर्ड वाइस थे। रानियोंके समाधिोत्रसे सैकड़ों प्रकारके अलङ्कार या (Howard Yyse) नामक एक पाश्चात्य पनतत्त्वविद्- गहने मिले हैं। इन अलङ्कारों पर मोना शिल्पललाम ने लाखों मुद्रा व्यय कर पिरामिडके सम्बन्धमें नाना देख कर यह सहज ही अनुमान होता है, कि मित्रमे रहस्योंकी मीमांसा को है। मीनाशिल्पका कितना अधिक प्रचार था । वमैं पहले पाश्चात्य पण्डित लोग समझने थे कि ग्रह नक्ष. संरक्षित रानो आ-होतेपफे कारुकार्य खचित नाना बादिका पर्यवेक्षण करनेके लिये ही ये सव बनाये गये हैं। तरहके सोनेके गहने पाये गये हैं। किन्तु वाइस साहब कई स्थानोंको बुदवा कर प्रमाणित । सव तरहके घ्यवहारिक शिल्पोंने ( Fine art)! किया है, पे समाधि मन्दिरके सिवा और कुछ नहीं 1 पिरा. मिसमें बड़ो उनति की थी । मिसी-सभ्यता और शिल्प- मिडकी भित्ति चौकोन है और इसको भुनाये तिकोणा विज्ञानने यूनानियों की सभ्यताकी सृष्टि की थी। यूना- कार हैं। तोन पिरामिड सबसे अधिक उच्च है। खुफ़र नियोंके देवता भी मिसी देव-समाजके सदश और पिरामिड सर्वोच्च और श्रेष्ठ कहा जाता है। इसकी वर्त- सामान्य रूपान्तरमात्र हैं। चित्रशिल्पमे भी मिसी कमी मान ऊंचाई ४५० फुट और इसकी भित्ति ७५६ फुट है। पोछेन थे। पहले यह और भी ३० फुट ऊचा था। १० हजार शिल्पियों - सर्वोपरि मिस्रकी मूर्ति और वास्तुशिल्प जगत्मे ने ५० वर्षों में इस पिरामिडको बनाया था। इसके सिवा अद्वितीय है। जिनके स्थापत्यको अद्भुत-कीर्तिने गिजे और सफ्करका पिरामिड भी प्रसिद्ध है। इन पृथ्वीके आश्चर्य पदार्थों में स्थान पाया है, उसके पिरामिडोंके भीतर विशेष तूल-तवाल नहीं है। फेवल सम्बन्धमें कुछ कहना मेरा कर्तव्य है। .. । शवाधार के लिये दो तीन कोठरियां रहती हैं। यह भी . नीहासन नगरमें अमेनी (d meni) समाधि केवल राजवंशको हो लाशें रखने के लिये बनाई जाती हैं। मन्दिरके कामकार्यखचित स्तम्भोंको देख कर प्रततत्त्व- ये कोठरियां अतीव सुन्दर तथा नाना फारकार्य सम्पन्न विदोंने कहा है, कि यूनानका शिल्प मिस्रो शिल्पकी अनुः है। लाल मर्मर पत्थर इसमें जड़े हुए हैं। कृतिमान है। पण्डित लोग इसे 'प्रोटोडोरिक' कहते हैं। मिसमें जो स्मृतिस्तम्भ पाये गये हैं, उनमें हेलिमो. इसके स्तम्भ भाउ कोनके बने हैं, स्तम्भका ऊपरी भाग पोलिस नगरके उसार्तसेनका स्तम्भ ही प्राचीनतम है। पुष्पपल्लबसे गलत है। घरको चहारदीवारी चित्र- यह सृष्टीय जलपावनके यहुन दिन पहले बना था लिपि और चित्रपटसे सुशोभित है। यह स्तम्भ नीचेसे ऊपर तक नाना चित्रोंसे परिशोमित . उक समाधि-मन्दिर शिल्पनैपुण्यका अद्भुत निद- है। इसकी ऊंचाई ६७ फुट है। कुछ स्तम्भ तो १०५ र्शन है। इस समय भी वह सभ्यजातिको विस्मय उत्पन्न फीट तक ऊंचे हैं। सिवा इसके कर्नाक नगरका स्तम्भ, करता है। वे सय कीर्तिस्तम्भ और सौधमाला हजारों क्लिउपेटरा सूई ( Cleonetra's ncedle) और पम्पोका वर्ष कालतरङ्गसे प्रतिद्वन्द्विता कर माज भी मिनके विलुप्त स्तम्भ ( Pompes's pillar ) सबसे प्रसिद्ध है। इन गौरवका साक्ष्य प्रदान कर रहा है। सभी स्तम्भोंमें चित्रकारोका काम हुआ है । इसके पढ़ने- .. मिस्र के स्थापत्य शिल्पको प्रावीन कोत्तियों को चार से उस समयके इतिहासकी वहुतेरी बातें जानी जा भागों में बांटा जा सकता है:-पिरामिड, ओयेलिस्क.या सकती हैं। लफ्सरका स्तम्भ भी समधिक प्रसिद्ध है। शैलस्तम्भ, मम्मी या शवाधारका संरक्षित शय और सिया इनके सहस सहस स्मृतिस्तम्म विद्यमान रह कर मन्दिर तथा अट्टालिका आदि । मिस्रका पिरामिड पृथ्वी । मिसको प्राचीन महिमाका गीत गा रहे हैं। के सात आश्चयों में , एक है । मनुष्य कोतिका मिसका स्फिङ्कस् विशेषरूपसे उल्लेखनीय है। इस इतना बड़ा नमूना पृथ्वी और नही है। अक्षा० २६ से तरहको भोषणाकार विशाल काय दानवको प्रतिमूत्ति