पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/७०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पीठा-मीदवस मोठा ( हिं० वि० ) १ जो स्वादमें मधुर और प्रिय हो, चरपरा, कडु आ, सैला और दाह ययासीर, शूल आदि

चीनी या शहद मादिके स्वादवाला। २ स्वादिए जाय | का नाशक माना गया है।

, केदार । ३ प्रिय, रुचिकर। ४ जो बहुत अधिक मीठापानी (हिं० पु०) नीबूका अंगरेजी सत मिला हुगा - सुशील हो, किसीका कुछ भी अनिष्ट न करनेवाला, बहु-। पानी। यह बाजारों में मिलता है। अधिक सीधा । ५ जो गुद्रा-भञ्जन कराता हो, औंधा। मीठापोइया ( हिं० पु०) घोड़े की यह चाल जो न बहुन . ६ जिसमें पुसत्य न हो, नामर्द। जो तीव्र या तेज हो और न बहुत धीमी। अधिक न हो, हलका | ८ साधारण या मध्यम श्रेणीका, मीठाप्रमेह (हिं० पु०) मधुमेह । मामली। धीमा, सुस्त । (पु.) १० मीठा खाद्य, | मीठावरस (हि० पु० ) स्त्रियोंको अवस्थाका अठारहयों मिठाई। ११ गुड़। १२ हलुआ। १३ मुसलमानोंके | और किसीके मतसे तेरहवां वरस जो उनके लिये कठिन . पहननेका एक प्रकारका कपड़ा। इसे शोरों चाफ भी समझा जातो है, मीठा साल । • फहते हैं। १४ मीठा नीबू । १५ मीठा तेलिया या मोठामात ( हि० पु०, मीठाचायन देखो। वछनाग नामक विप। मीठाविप ( हिं० पु० ) वत्सनाभ, वछनाग। मोठा अमृतफल (हिं० पु० ) मीठा चकोतरा। मीठासाल ( हिं० पु०) मीठावरस देखो। मोठा आलू (हिं. पु०) शकरकन्द । मोठी नरपोड़ी ( हिं० पु० ) स्वर्ण जीवंती, पोलो जीवंती। मोठा इन्द्रजी (हिं० पु०) कृष्ण कुरज, कालो कुडा। | मीठीछुरी (हिं० स्त्री०) १ वह जो देखने में मित्र पर मीठा कद्द ( हिं० पु० ) कुम्हड़ा। वास्तवमै शलु हो। २ कपटी, कुटिल । मीठा गोखरू (हि० पु०) छोटा गोखरू । मीठोतूवी ( हिं० स्त्री० ) कद्द । मोठा चाचल (हि.पु०-) घर चावल जो चीनी या गुड़के / मोठीदियार ( हिं० स्त्रो०) महापील वृक्ष । शरवतमें पकाया गया हो। | मीठी मार (हिं० स्त्रो० ऐसी मार जिसकी चोट अदर हो मोठाजहर (हिं० पु. ) विष, यत्सनाभ, वछनाग। मौर जिसका ऊपरसे कोई चिह्न न दिखाई दे, भीतरी मीठाजीरा (हिं० पु.) १ कालाजीरा। २ सौंफ । मार। मोठाढग (हिं० पु०) झूठा और कपटी मिल, जो ऊपरसे | मोठीलकड़ी ( हि० सी० ) मुलेठी। मिला रहे, पर धोखा दे। मोड़म (सं० पली०) विवाद, द्वन्द। ( अध्य०)२ मोठातेल ( हिं० पु० ) १ तिलका तेल । २ पोस्तके दाने! अति मृदु या क्षीण स्वरसे। या खस-खसका तेल। | मीढ़ (सं० वि०) मिह क्त । १ मूत्रित, पेशाव किया मोठातेलिया ( हिं० पु० ) यत्सनाम, विष । | हुआ। २ मूलकी तरह जलीय, मूत्रके समान । मोठानीबू ( हिं० पु० ) जमीरी नोबू, नकोतरा। | मोटुप ( सं० त्रि० ) १ दया, दयालु । (पु० )२ मोठानोम (हि. पु० ) भारतवर्ष में मिलनेवाला एक | इन्द्र के पुत्रका नाम । प्रकारका छोटा वृक्ष। इसमें से एक प्रकारको मोठी गंध मौदुष्टम ( स० पु० ) मोदयस् तमप्, पृषोदरादित्वात् निकलती है। इसके छिलके पतले और खाको रंगके साधुः। गिध, महादेव।। गोर पत्ते वकायन या नीमके पत्तोंके समान होते हैं। "तदा सर्वाणि भूतानि श्रुत्वा माष्टमोदिनम् । फल भी नीमक फलके ही समान होते हैं। फल परितुष्टात्ममिस्तात साधु साध्वित्यथाम धन् ॥" फच्चे रहने पर हरे और पकने पर काले दो जाते हैं। ( भाग ४॥२६) इनमें दो बोज रहा है। चैत वैशाखमे इसके गुच्छोंग २ सूर्य । ३ चौर, वार । छोटे छोटे फूल लगते हैं। इसके. मूल, छिलके , मोदयस् ( स० ० ) मिह-सेव-नायें छन्दसि पयसुः मौर पत्ते औषधर्फ रूपमें काम आते हैं। इसका गुण (दाश्वान सासान मोदारच ! पा ६१३१२) ततो द्वित्या भावं TO VIL. 108