पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/७४१

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पौरकासिम ऊधम मचाया और मुर्शिदाबाद प्रासादको घेर लिया!, राजी हुए । इतने दिनोंके बाद मोरजाफर द्वारा किये गये अब मयाब जमाईको शरण लेनेको पाध्य हुए । इस समय अपराधका प्रायश्चित्त हुआ। मोरकासिमको धाक तमाम जम गई, फिर भी वे तृप्ति- नवाव नासिर उल मुल्क इमतियाज़ उद्दौला मोर लाभ न कर सके। महम्मद कासिम अली खां नसरत् जङ्गको यड्डालको __अभी कासिम अलीको राज्याकांना वलवतो होती मसनद पर बैठते हो राजकोषका अर्यामाय मालूम हुआ। जा रही थी। उन्होंने अर्थवलसे अंगरेज-सचिवोंको अंगरेजोंका पूर्व ऋण और स्वीकृत अर्थ तथा सेनादल- अपने काबूमें करके कुटिल'कौशलसे वृद्ध यसुरका काम का वाकी घेतन चुकानेके पहले इन्होंने अपने वचनका तमाम करनेका सङ्कल्प किया। सङ्कल्पसिद्धिफे लिये पालन करने के लिये राजकोषके नकद रुपये तथा सोने उन्हें कलकसे माना पड़ा। यहां आ कर उन्होंने हाल. चांदोके पात्र द्वारा मुद्रा प्रस्तुत करा कर ऋण चुकानेको येलके सामने अपना अभिप्राय प्रकट किया। व्ययस्था की। इसके बाद जगत्सेउकी सहायतासे 'अगरेज-दरवारमें मोरकासिम जयो हुए। उन्होंने ' तथा अपने पूर्वसञ्चित भंडारसे कुछ अंश ले कर अंगरेजी • गवर्नर मादि गरेज-सदस्यों को रिशवतसे अपने काबूमें ! सेनाके खर्चा वर्ग के लिये पहलेके वाको १० लाख रुपये में फरके बङ्गाल, बिहार और उड़ीसाफे नायव-नवावी पद . लारन तथा पटने में स्थापित नवावी सेनाफे लिये ५ मास किया। १७६० ई०को २७वीं सितम्यरको भान्सि- लाख रुपये सिंहासनलाभके लिये इन्होंने १२ दिनके टार्ट, हालघेल और फेल्डने सन्धि पत्र पर हस्ताक्षर भीतर ही दे दिये थे। किया। तदनुसार २री अक्तूबरको गवर्नर मान्सिटाट। नवीन नवाच युद्धिमान, साहसो और कार्यदक्ष होने 'और सेनापति फेल्ड मुर्शिदाबाद गये। १६यों तारोख- पर भी शकी, फ्रोधी और कठोर थे। प्रकाश्यतः प्रजा को नवायके साथ परामर्श हुआ। अंगरेज गवर्नरने । साधारणको हितकामना सौर न्याय-विचारको स्पृहा 'मोरफासिमके हाथ राजकार्यकी सुश्खला विधाना भार दिखलाने पर भी अर्धसञ्चयके उद्देश्य से इन्होंने लोगोंको अर्पण करनेका प्रस्ताव किया। इतने दिनोंके बाद मोर- वहुत कर दिया था। यर्द्धमान, मेदिनीपुर और चट्टग्राम जाफरको अगरेजोंका चकान्त मालूम हुआ। कम्पनोके हाथ समर्पण करके भी उन्हें अगरेज कौंसिल- उस दिनकी बैठक तो यों ही समाप्त हुई, कुछ त। के सदस्यों को चुपके तथा कम्पनीको प्रकाश्य तौर पर नहीं हुआ। मोरजाफर उठ कर चले गये । पोछे कासिम रुपये देनेका इन्ताम करना पड़ा था। अली खां धा आये। उन्होंने अपनो आगडाको वात इतने रुपये राजकोपमें थे नहीं, जो चुकात, इसलिये 'प्रकट कर गवर्नर मान्सिटाटंको विचलित कर दिया और वे प्रत्येक विभागका खर्च घटाने लगे। विलास व्यापार- यह भी भय दिखलाया, कि अगरेज कम्पनी यदि उनके में जो फिजूल खर्च होता था उसे इन्होंने उठा दिया। 'साथ सन्धि-नियमका पालन न करेगो, तो ये बहुत जल्द आखिर जागीर-विभागके कर्मचारी किनुराम और मणि. 'शाद आलमसे मेल करनेको बाध्य होंगे। लाल पर कई दोष मढ़ कर उनकी सभा सम्पत्ति छिन दूसरे दिन भो मीरजाफरने जय कोई सम्याद न लो। इसके अलाया इन्होंने नयाव-सरकारके भूतपूर्व भेजा, तव अंगरेज सेनादलने दोपहर रातको भागीरथी कर्मचारियों को तंग कर उनसे कुछ रुपये मुड़ लिये थे। नदी पार कर राजप्रासाद और फिलेको घेर लिया, मीरकासिम चाहते थे, कि जिस किसी उपायसे हो उसके साथ साथ मीरकासिमको पताका फहराने और अगरेमोका प्राप्य अवश्य चुकाना चाहिये । इस प्रकार संफेको चोट पड़ने लगी। सो कर उठे हुए मीरजाफरने पूतिन नवार्योको दासदासियोंसे भी कुछ यपये खोच सेनापति फेल्डको सिंहद्वार पर उपस्थित देख यिना कर तथा जो दारोंसे नजराना यस्ल कर इन्होंने कुछ किसी छेड़छाड़के अपने जमाईके नामसे राजकीय सील : रुपये संग्रह किये और उसोसे अपिपासु ' म गरेजोंको मोहर भेज दो और राजकार्यका कुल भार छोड़ देनेको प्यास बुझाई। इसके बाद इन्होंने मुर्शिदाबाद के सेना-