पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/७५३

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मोर जाफर एक पडयन्त्रकी रचना कर दो । मीरजाफर हो इस चक्रान्त- गवर्नर डेक २लाख का नेता था। हीननेता मोरजाफरसे यदि सहायता न फर्नल क्लाइव मिलती तो कमो मो अंगरेज कम्पनी बंगालमें अपनो वाट्स । गोटी जमा संकती न थी। मेजर किलपारिक सिराज और अंगरेजों के बीच जो छोटी छोटी लड़ा। मानिहम इयां हुई उनमें मोरजाफर, सिराज को ओरसे लड़ता था। विचार सही, किन्तु दिलसे नहीं। वह अगरेजो को ही विजय ६ कोसिलके सम्य चाहता था। सिराजने जो मोहनलालको प्रधान मन्त्रो पाल्स बनाया था। वही इसका मुख्य कारण बतलाया जाता स्क्राफटन है। सिराज-उदोला देखो। लुसिंटन मोहनलालका मन्त्रिपद ही सिराजका काल हुआ | सम्पूर्ण रूपसे स्वीकृत या विशेष प्रमाण प्राप्त रुपयेका महाराज कृष्णचन्द्र, जगत्सेठ, राजा दुर्लभराम, मोरजा- ही इसमें उल्लेख है। अलावा इसके पडयन्त्रके नेताओं- फर, घेसिटी चेगम आदि सिराजको सिंहासन न्युत मैसे किसने कितना मुंड़ा था उसका हिसाव नहीं। करनेका पड़यन्त करने लगे। खोजा पिढ़ नामक | एक अर्मानो वणिक मोरजाफरका अभिप्राय पलामो विजयके १५ वर्ष बाद पार्लियामेएट महासभामें जतानेकी भाशासे घाट्स साइबसे जा मिला। दोनों जव मंगरेज-फर्मचारियोंके रुपये लेनेका मामला पेश सन्धिपत्र लिखा गया। मंगरेज कम्पनी अपना मत हुआ, तब क्लाइवने आत्मपथका समर्थन करते समय कहा था, 'मीरजाफरसे इस कार रुपये लेनेको मैं अन्याय लय निकालने लिये मोरजाफरको सहायता पहुंचाने में नहीं समझता, इससे फम्पनीके पक्षमें भी कोई क्षति राजी हुई। १७५७ १०को २३वी जूनको पलासीको नहीं है। लड़ाई में वङ्गालके भाग्यने पलटा खाया। युद्ध में मोरमदन ____नयाय मोरजाफरने अलीवोंका अनुसरण कर मह- और मोहनलाल खेत रहे । इतिहासकार कहने हैं, कि | पलासीकी लड़ाई में अ'गरज सेनापति क्लाइवके हाथस । तजङ्गकी उपाधि प्रहण की। अभी उसका पूरा नाम जो नवाबका पराभव हुआ. यह एकमात्र नवावको। हुमा सुजाउलमुलक हिसाम उद्दौला मोरजाफर अली शठतासे होहुगा था। क्लाइव देखो। हां महायतजङ्ग"। उसके लड़के मौरनने शाहमत्जङ्ग युवक नवाब सिराजको यमपुर भेज कर मीरजाफर | नवावी मसनद पर बैठा। सुजाकी विलासिता, अलो- | नवावो मसनद पर बैठते हो मोरजाफरने वगाल, पीके यादशाही पेशकश और वीके गेसे राजकोप विहार और उड़ीसा राजकर्मचारियोंको अपने अपने खाली भा रहा था। सिराज उहौलाने मी बढी भारी | कार्य में नियुक्त रहनेका परवाना भेज दिया। १५यों फौज रख कर उसके खर्च यर्च में अपना धनागार खाली। जुलाईको अगरेज कम्पनीका याणिज्यपथ साफ करने- कर दिया था। मोटी रकम हाथ लगेगो, समझ कर के लिये बास हुकुम दिया गया। पीछे कलकत्तेके टक- ही मोरजाफरने अंगरेज तथा अन्यान्य पडयन्दकारियों- साल-घरमें सिधा ढालने और सन्धिकी तौका पालन को यथेष्ट पुरस्कार देनेका वचन दिया था अब उसने जब करनेका परवाना जारी हुआ। २६यों जुलाईको अगरेजा देखा कि खजाना खाली पड़ा है, तब वह भारी अहापोह में दलपति काइव पोर याटसन आदिने नवादा मिलयत पड़ गया। आखिर उसने किसी तरहसे रुपया चुकाने पाई थी। . का इस्तजाम किया । कम्पनीके कलकत्तेके कर्मचारियोंने अर्थवच्छ ता हो मौरजाफरको काल हुई । उसफे सह- .इस उपलक्षमें मीरजाफरसे जो रुपया दुह लिया था! योगी चक्रान्तकारियोंने सय देखा, कि मीरजाफर प्रतिक्षा. उसकी फिरिश्तं नीचे दी गई:- · को हुई रफम देनेको तैयार नहीं, तप पे पड़े अप्रसन्न