मुंडासा-मुइच्छुभाइ
मुडासा (हि पु० ) वह साफा जो सिर पर वांधा ! मुंशी ( अ० पु० ) १ लेख या निबंध आदि लिखनेवाला,
जाता है।
लेखक । २ लिखा-पढ़ीका काम या प्रतिलिपि आदि
मुडासायद (हिं पु०) वह जो कपड़े से पगड़ी बनानेका करनेवाला, मुहरिर । ३ यह जो बहुत सुन्दर अक्षर, विशे-
काम करता हो, दस्तारयंद।
पतः फारमी आदिके अक्षर लिखता है।
मुसा हिरन (हिं पु०) पाठो मृग।
मुंशीखाना ( अ० पु०) यह स्थान जहां मुजी या मुद.
मुंडिया (हि.पु.) वह जो सिर मुंडा कर किसी साधु रिर आदि धैठ कर काम करते हो. दफ्तर ।
या योगी आदिका शिष्य हो गया है, संन्यासो। मुंशोगिरो (फा० स्त्री० ) मुगीका काम या पद ।
मुदी (हिं० स्त्री० ) १ वह स्त्री जिसका सिर मुडा हो। मुसरिम । म० पु० ) १ प्रबध या शवस्था करनेवाला,
२ विधवा, रांड़। ३ एक प्रकारको बिना नोकवाली इंतजाम करनेवाला। २ कचहरीका यह कर्मचारी जो
जूती । . ४ मुण्डी देखो।
दफ्तरका प्रधान होता है।
मुडेर (हिं० स्त्री०) १ मुडेग! २ खेतके चारों ओर मुसलिक (अ० वि०) माथमें वांधा या नत्यो पिया
सीमा पर अथवा फ्यारियों मेंका उभरा हुआ अंश, मेंड़, हुआ।
दोला।
| मुंसिफ ( १० पु.) १ वह जो न्याय करता हो, इन्माफ
मुंडेरा (हिं० पु०) १ दीवारका वह ऊपरी भाग जो सवम । फरनेवाला। २ दीवानी विभागका एक न्यायाधीश जो
ऊपरकी छतके चारों ओर फुछ कुछ उठा हुआ होता है। छोटे छोटे मुकदमोका निर्णः करता है और जो सब.
२किसी प्रकारका बांधा हुआ पुश्ता।
जजसे छोटा होता है।
मुटेरी (हिं० स्त्री० · मुंडेर देखो।
मुसिफी (अ० स्त्री०) १ न्याय करने का काम 1 २ मुंसिफ-
मुडो (हि० स्त्री०)१ पद स्त्री जिमका सिर मुंड़ा गया, फा काम या पद । ३ मुसिफ की अदालत, मुंसिफको
हो: रखियोंकी एक प्रकारको गालो जिससे प्रायः कचहरो।
विधवाका बोध होता है।
मुह (हिं० पु०) १ प्राणोका यह अंग जिससे यह वोलता
मुदिया ( हिं० सी०) धैठनेका छोटा मोढ़ा। और भोजन करता है। मुख देखो। २ मनुष्यका मुग.
मुंतकिल ( म० वि० ) एक स्थानसे दूसरे स्थान पर गया। विवर । ३ मनुष्य या किसो और प्राणोके सिरका अगला
हुगा।
भाग। इसमें माथा, अांखें, नाक, मुंह, फान, ढोढ़ी
मुंतशिम ( म०पु०) प्रबंध करनेवाला, यह जो 'तजाम |
और गाल आदि मंग होते हैं, बेहरा। ४ साहस,
करता हो।
हिम्मत । ५ योग्यता, सामर्थ्य। ६ मुलाजा, लिदान ।
मुंतजिर ( म०वि०) प्रतीक्षा करनेवाला, इंतजार करने
छिद, छेद। ८किसी पदार्थ के ऊपरी भागका विवर
वाला।
जो आकार आदिमें मुंहसे मिलता जुलता हो । ऊपरी
मुंदना (हिं० कि० ) १ खुलो हुई घस्तुका ढक जाना, यंद।
माग, ऊपरको सतह या फिनारा।
होना। २ छिद्र आदिका पूर्ण होना, , दिल आदि ।
मुहकाला ( दि० पु० ) १ अप्रतिष्ठा, बेइज्जती। २पक
बंद होना । ३ लुप्त होना, छिपना।
भारकी गाली । ३ वदनामो।
मुंदरा (हिं० पु.) १.एक प्रकारका कुंडल, जो योगी.
लोग कानमें पहनते हैं । २ कानमें पहननेका एक प्रकार
मुइचटौवल ( हिं० सी० ) १ चुम्यन, चूमाचाटी । २ वक-
का आभूषण।
वक, वक्रवाद।
मुंदरी (हिं० स्त्री०१ मादा छल्ला जो उंगली में पहना ' मुंहचोर दि० पु०) यह जो दूसरों के सामने जानेसे मुंह
जाता है। अंगूठी।
छिपाता हो, लोगोंके सामने जानेमें संकोच करनेवाला।
मुशियाना (हि. वि. ) मशियोंका-सा, मुशियोंको मुटुमाई (हि० स्त्री० ) केवल मुंह छुने लिपे, ऊपरी
तरहका।
मनसे कुछ कहना।
Pel XVII. 174
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/७७९
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