पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/८१

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पहम्मद अकबर-महम्मद अफनत (शेख) .७० निहत रामपुलों में कोई भरी जवानी और को चढ़ती एक राजा, श्य इमाहिम मादिलशाहके पुत्र । जयानीमें थे। कहा जाता है, कि महम्मदने उन्मत्त हो उस | १६२६ ई० में ये पित सिंहासन पर बैठे। इनके राजरय. रातमें अपना मांस नोंच नोच कर साया था। इसी अवस्था कालमें दिल्लोके मुगल-साम्राट शाहजहोंने दक्षिण देश में १७२५६०को इनका देहान्त हुआ। इनको मृत्युके। पर आक्रमण किया। महम्मद नगर मुगलोंके अधिकार- पहले सुलतान हुसैनका पुत्र तहमाप मिजा, जिसने में आ जाने से इन्हें अपना राज्य टूट जानेका भय हुमा । इस्पाइनसे माग कर पात्मरक्षा की थी. इस मुमय- | अतः इन्होंने निमाम शाहको सहायता ले कर मुगलोंके सरमें महम्मदके राज्य पर चढ़ाई करनेका आयोजन करने विरुद्ध अन उठाया। मुगल सम्राट के पिपद ये कई लगा । यह देख कर सभी सर गये और उन्होंने महम्मदके वार युद्ध के लिये तैयार हुए थे, परन्तु हर बार इनको • भतीजे अशरफको राजा बनानेका विचार किया। मश- महतो क्षति हुई थी। इतना ही नहीं, एक बार तो रहें

रफके सम्बन्ध किसोका कहना है, कि इसने १७२५६० क्षतिपूर्ति के लिये प्रयुर धन भी देना पड़ा था।

. में महम्मदको मार कर राज्य-सिंहासन पर अधिकार' १६३८१०में मुगलोंने फिर मो दक्षिण पर पढ़ाई कर किया था। .: दो। योजापुर नोनों मोरसे घिर जानेके कारण यहां के -महम्मद अकयर-मुगल-सम्राट अकबर शाहका एक नाम ।। राजा अपनी रक्षा विलकुल न कर सके । दुन्ति मुगल __ मकरर देखो। । सेनानि राजधानी तथा नगरको पुरी तरह टा साला महम्मद अकबर-सम्राट औरङ्गजेब मालमगीरका छोटा ' दौलताबाद मादि गिरिदुर्ग तथा राजधानी भोर निजाम: लड़का। इसने पिताके विरुद्ध हथियार उठाया था। राज्यका अधिकांश स्थान मुगलोके अधिकारमै मापे आखिर यह जान ले कर परसियाको भागा। यहां १९१५ देख महम्मदने मुगल सम्राट की शरण ली तथा पेली हिजरीमें इसकी मृत्यु हुई। । देकर उनसे छुटकारा पाया। महम्मद अकबर-एक मुसलमान प्रधकार, कुलयोके । यथार्थमें विज्ञापुरफ यहो अन्तिम राजा थे। उन्होंने महम्मद गेसू दराजका पुत्र । इमने 'भाकापेद अकबरी' अपने नाम पर मुद्रा भी चलाई थी। इसके परपत्ती - नामक एक धर्मतरय प्रन्थ पारसी भाषामें लिखा था। जगणनाममात्र राजा थे। महम्मद अल महदो-वरराज्यके प्रथम खलीफा या महम्मदके राज्यकालके अन्त में प्रधान सामन्तरास राजा। १०८ ईमें ये राजतपत पर बैठे। मालि मीर . शादमी मौसके पुत्र शिवाजोने एल, वल भोर कौशल फतिमाके पुत्र होसेनके यंगधर होने कारण मुसलमान से विजापुरमै अपनी धाक जा। इनके मयुदपक समाजमें इनकी अच्छो लातिर थी। इनके घंशधरोंने , साथ ही विज्ञापुरको शति हास होने लगी। १६५६ मिस्र देशका फतह किया था। १३३में इनकी मृत्यु के नयनरमासमें महम्मदको मृत्यु हुई। बीजापुर हुई। पोछे इनके लडफेने कायम यियामर मल्लाने 'गोलगुम्या' नामक मकबरे में ये दफनाये गये। पीछे १४५० तक राज्य किया था। इनका लड़का मली मादिलनाराज पम पर बैठा। महम्मद भवद्-एक फारसी अन्धकार । यह इमि असास् ___भादिन शार-यंत भौर पौजाएर देगी। उल इस्लाम और फिषा सुनातफ या अमायत मामक महम्मद मफसल-मदीनात उस मोविया नामक प्रत्यक दो महम्मदीय स्मृतिप्रम्य लिख गपे हैं। । रचयिता। प्रन्यकारने अपने प्रग्य, जगनुको मटिम महम्मद भाजिम-एफ मुसलमान ऐतिहासिक । इन्दोंने ले कर इसलामधर्म के प्रयर्सक महम्मद पर्पयती ग. वर मालिक के बनाये हुप 'काश्मीर इतिहास'को परयता म्यरोंका इतिहास लिपिपर किया है। घटमा माघार पर एक इनिहाम लिया । इस इतिहास. महम्मद अफजल (शेख)-मुसलमान कपि गाडी. में इन्होंने मुगल सम्राट भालमगीरको भूरि प्रशंसा की। पुर नियामी परीक्षादा शेक मरहीमका पुन | मरने महम्मद भादिन्द शाह--दक्षिणात्यके वीजापुर राज्यके , गुरु कालपी निपासों मोर सेपद महम्मदको माहासे ये Vol. XII. 20