पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/८२५

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७३७ मुगल दूसरे दूसरे मुग़ल वंशोफे अधिकृत स्थानोंको अपनानेका भूपित किया है। हम लोग अब मालतून सांको दण्ड देने 'निश्चय किया। अतएव उसने १२०२-३ ई० में उन सय प्रस्थान करेंगे। पश्चात् मुगलोंने भोजको तयारी की। मुग़लोंको जो उसके अधीन हो गये थे युद्ध के लिये भोजके बाद चेगिस् माने गुप्त पथसे मिटाए वुलाया। उसका उपदेश सुन सभी उत्तेजित हो उठे। राज्यमें प्रवेश कर तमघाज प्रदेश पर चढ़ाई फो। थाल.

अनन्तर फुकत नामक उसके सौतेले भाईने स्थान सुना तून मां चेगिसके आनेको गायर पाएका यझा हो

कर लोगोंको ईश्वरके मागमन, तमुरचिके चेगिस खा गया। जब उसकी सेना मारी जाने लगी और नगर लूटा नाम बदलने तथा उसके साम्राज्य पढ़नेका कारण जाने लगा तव सभी लोग राज्य छोड़ भाग निकले। जो जताया। इस देवी शक्तिको कथा सुन, मूळ मुग़ : लोग लोग नहीं भाग सके ये कुछ तो शव ओंके शिकार बने नेगिस् खांके प्रति विशेष अनुराग दिखलाने लगे। इस | थोर युःछ यदी कर लिये गये। मिली मुग़लशक्तिके पल पर चेगिस खां भन्न भिन्न चंगिस इस प्रकार नमघाज, टिंगिट और गधर प्रदेश । । स्थानों में अपना साम्राज्य विस्तार करनेमें समर्थ हुमा।| पर अधिकार कर बिटाए राज्यको राजधानी तमघा कहा जाता है कि उस देवघायको पालन करनेके लिये नगरमें आ धमका और घेरा डाला । पालतून मां असीम __ • उसकी सेनामें अमानुषिक शक्तिका आविर्भाव हुआ था । | साहमसे नगरको रक्षा करने लगा। गन्त, यात्मरक्षा में ___. इस यलघतो सेनाकी सहायतासे चेंगिस ने पश्चिममें असमर्थ देख उसने नमघाज शव के दाय समर्पण कर '-गुर पाांके राज्यकी सरहदसे ले कर उत्तरमें चीनके | दिया। ' • पाययत्ती देश तक फैले हुए सम्पूर्ण भूभाग पर अपना | चेगिस्खांके उत्थान गोर मुगल सेनाके विजयको ___ आधिपत्य फैला लिया। खबर तमाम फैल गई। ख्यारजमके राजा दुल्तान मह- । इस प्रकार सारी मुगलशक्तिको हस्तगत कर चेगिस् मदने सधी वानका पता लगाने दूत भेजा। राम इतने खां पहले अपने चंशके चिरशनु खिटाप राजाको दण्ड | राजधानीके पास भा पहाडके जैसा ऊंचा सफेद एक रोला देनेको इन्छासे दलबलके साथ रवाना हुए। खिटाए । देखा। वह टोला मुगल युदमें मारे गये सैनिकों की हियोंका 'के राजा मालतन् खांने अपनो रक्षार्ध राज्यकं प्रवेश-! पुज था । इस राजदूतने राजधानीके डार पर जा कर देगा पथ पर उन्हें रोकनेके लिये ३० हजार घुड़सवार तैनात | कि दुर्गका हार मनुष्य के टहरोंग्ने सजा हुथा है। तलाश • कर दिये। चेगिस खां खिटाप राज्यफेशात प्रवेश-पथ करने पर मालूम हुआ कि ६० हजार शालिकामोंने मुगलो. को शत्रुओंसे रुद्ध देख गुप्त राहको तलाश करने लगा। के प्राससे बचने के लिये आत्मदत्याको घो। यह टहरोकी कहा जाता है, कि उसने जाफर नामके किसी मुसलमान | ढेर उमो दुर्घटनाको स्मार-स्वरूप थी। .. • गुप्तचरको यनियाफे भेषमें गजा झाल्तुनके पास भेजा सुलतानका दुत चेगिस् पांक दरबारम सादर था। उसने एक गुप्तपथका पता लगा कर चेगिस् खांको | यैठाया गया। मुगल-सरदारने नाना प्रकारके रन जताया। तब चेगिस्ने सभी मुगल-परिवारों को पर्वतके भूपण मुलतानको उपहार दे मित्रताको प्रार्थना की और पास इकट्ठे होनेको आशा दी। उस. आदेशानुसार दोनों राज्योम येरोकटोक व्यापारके लिपे सन्धि करने. सभी स्त्री-पुरुष और मां बेटोको पृथर पृथक ग्युले सिर का प्रस्ताव किया। तदनुसार ये गिस गांक भेजे व्यापारी तीन दिन तक उपवास रहना पड़ा था। खुद चेगिज खां लोग भग रस और ऊंट आदि ले बारम पहुंचे। • एक 'पड़गा' (तम्बू) में जा गले । रस्सो लगा ईश्वरको लेकिन यहांके मुलतानने धन लोमसे उन्हें मरया शाला। "आराधना प्रवृत्त हुभा । याहरमें जो लोग पड़े थे घे ईश्वर र शोचनीय संपादसे चेगिस्को कोधाग्नि पर उठी ' (टिंगार टिंगरी) का नाम लेते हुए जय जयकार कर रहे। और उसीसे समूचा वारम राज्य भस्मीभूत हो गया। थे। चौथे दिन प्रातःकाल चेगिस् गां तम्बूसे बाहर १२१८ में मुरसान को पूरा दगष्ट देने के लिये निकल कर बोला कि 'टिंगरी' (ईश्वर) ने मुझे जयमालसे । चीन, तुम्तिान गौर नमाजसे एक बन गयो सेना - Vol, XVII 185