पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/१०७

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२७-सुजन हुमायूं।

     उस का प्राणरक्षक भिश्ती।
१- हुमायूं दूसरा मुगल बादशाह था। हुमायूँ का अर्थ है

भाग्यवान पर छः मुगल बादशाहों में सब से भारयाहीन यही था।पर यह उसी का दोष था। वह बड़ा वीर था और बड़ा दयालु । पर यह हमेशा आलसी था और विषय भोग में डूबा रहता था। अचछा भोजन करना अब पीना अफीम खाना उसे अच्छा लगता था।

२--बावर के चार बेटे थे और वह चारों को प्यार करता

था। यह तो तुम पढ़ चुके कि उस ने हुमायूं के लिये अपनी जान दे दी। मरने से पहिले उसने हुमायूं से कहा "हमारे मरने के पीछे अपने भाइयों पर कृपा रखना। हुमायूं आँखों में आँसू भर लाया और बोला कि “मैं आप की बात कभी न भूलना। यह बात उस के लिये कुछ कठिन भी न थी क्योंकि वह भी अपने भाइयों को बहुत चाहता था हुमायूं ने अपने मरते बाप से जो प्रतिज्ञा की थी उस पर दृढं रहा। उसने अपने एक एक भाई को एक एक राज दिया और दिल्ली की बादशाहत अपने लिये रखी। अगले पृष्ट पर जो चित्र है उसमें बाबर मर रहा है। उस का बेटा हुमायूँ पलङ्ग के नीचे बैठा है। हकीम नाड़ी देख रहा है। एक नौकर जूस का कटोरा लिये खड़ा है पर रोगी के प्राण