पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/११४

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उसे अकेला न छोड़ती थी। उस ने फाटक पर चौकसी करने के लिये एक वारी बैठा रखा था। एक दिन बारी दौड़ा हुआ आया और पना से बोला कि वनवीर हाथ में नंगी तलवार लिये फाटक की ओर लपका आ रहा है।

         पना दाई और चन्वीर।
५-पना ने  झट पट एक टोकरा उठा लिया जिस में फल

उस ने सोते राजकुमार को उस में लिटा दिया। उसे पत्तों से ढक दिया और यारी से बोली तुम इसे गढ़ के बाहर पेड़ के नीचे ले जाकर रखो, मैं अभी आती हूँ।

६-फिर उस ने अपने बच्चे को उठा लिया। राजकुमार

का कंठा उस के पाले में डाल दिया उसे राजकुमार के पालने में लिटा दिया और अन्तिम बार उस का मुँह चूम कर उस के