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की ओर से आड़ किये हुए है। इसके पूर्व और पश्चिम और इसके कुछ दूर दक्षिण हिन्द का महासागर फैला है। अगले दिनों में जहाज़ न थे। लोगों के पास छोटी छोटी नावें थीं जिनसे समुद्र पार करना कठिन था। यही कारण है, कि भारत पुराने समय में उत्तर में बरफ़ की भीत से और तीन और समुद्र से सुरक्षित था।

६-यह भीत भरतखंड के उत्तर पूर्व समुद्र से पश्चिम समुद्र तक चली गई होती तो उत्तर के ठण्डे देशों से कोई भारत में न आ सकता, पर इसके दोनों सिरों पर पूर्व में और पश्चिम में ये पहाड़ बहुत नीचे हो गये हैं और इनके बीच बीच में घाटियां और दरें हैं जिन से होकर लोग आ सकते हैं। यह दरें बहुत ऊचें हैं और बर्फ़ से इतने ढके रहते हैं कि आना जाना कठिन हो जाता है। पर साहसी वीरों को कौन रोक सकता है।

७-बहुत दिनों से उत्तर के ठण्डे देशों के रहनेवाले इन्हीं धाटियों रहे होकर हमारे गरम उपजाऊ मैदानों में आते रहे हैं। यहां आने पर उन्होंने जाना कि इस देश में खाने पीने का सुख है और वे यहीं बस गये।