पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/१२३

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और हिन्दू राजाथों के दाढ़ियों नहीं हैं ; और मुलाया है, शढ़ियां रखवाई है। अकबर के सामने पेचवान रखा है और उसके हाथ में मुंहनाल है। १३.--पर एक राजपूत राजा पेला था जिसने न अकलार से मेल किया ज उस से हार मानी। यह मेवाड़ कर राजा उत्यसिंह था। चित्तोर का नाम तुम सुन खुके हो। उसी के आस पास के उदय सिंह। देश को मेवाड़ माहते हैं। उद्यलिंह मोटा राजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। वह वीर राणा साडा का बेटा था जो बाधर से लड़ा था। अकवर ने बढ़ाई कर दी और चित्तौर गढ़ ले लिया। उदयसिंह अरचली की पहाड़ी पर भाग गया और वहीं लड़ते लड़ते मर गया। १४---उसके घोर बेटे प्रताप- सिंह ने भी लड़ाई बन्द न की। यह पूरा सिपाही था जैसा कि राणाप्रताप उस के चित्र से जान पड़ता है। उसने यह प्रतिज्ञा की कि जब तक चितौर गढ़ न ले लूंगा