पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/१३१

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८-- -सिंहासन पर बैठते ही सलीम को कोई रोक रोक म रही। उस ने आदमी भेज और शेर अफगन को मरवा डाला और उस की स्त्री को दिल्ली पकड़ मंगाया। . मिहर के साथ उस की छोटी लड़की भी थी। जहागीर ने जहर का नाम नूरमहल रख दिया और उस से कहा कि तुम मेरी मलका सान जाओ। --स्वामी के मारे जाने पर नूरजहाँ बहुत दुखी थी। बादशाह ने उस के पति को मरवा डाला था इस से वह बादशाह से बहुत सट थी। उस ने बहुत दिनों तक जहाँगीर से बात तक न की और न उस की ओर ताका । जब छः सरस बीत गये तो उस ने सी लम लिया कि बहुत दिन सोच किया और जहाँगीर के साथ व्याह करने पर राजी हो गई। १०-जहाँगीर बहुत प्रसन्न हुआ और उसका नाम बदल कर नूरजहाँ “संसार की ज्योति” रख दिया। दोनों का बड़ी धूमधाम से व्याह हो गया और उसी समय से नूरजहाँ बादशाही करने लगी। जहांगीर ने उस को पूर। अधिकार दे दिया। वह जानता था कि नूरजहाँ शुक्ल से अच्छा शासन करेगी। जहाँगीर को खाने को अच्छे भोजन पीने को अच्छे मद की चिन्ता रह गई। वही सब हुकुम देती थी। उसने अपने बाप और भाई को दरबार में बड़े पद दिये। देखो कि छोटी लड़की ओ साड़ी में छिपा दी गई थी पीछे से एक बड़ी बुद्धिमत्ती मलका हो गई।