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(१४१) के नीचे लोहे का कवच भी छिपा था और बाद में कार छिपी श्री। वह अपने साथ इसी रूप में बीस वीर लेकर एक बड़ी भारी बात के साथ यूना में घुस गया। १७----जब शिवाजी और उसके साथी उस घर के पास पहुंचे जिस में शाइला खाँ टहरा हुआ था तो अचानक उसमें घुस गये और शाइस्ता लां को मार ही डालते जो वह खिड़की की राह कूदकर न भाग जाता। इसपर भी शिवाजी ने जता वह खिड़की की चौखट पकड़े हुए था उसकी उँगलियाँ काट डाली। पहरे के सिपाही हल्ला सुन- कर दौड़े पर महरटे दूसरी शाइस्ता खाँ। खिड़की से कूद कर कट पट भाग गये और भीड़ में मिल गथे। शाइस्ता का ऐसा डरा कि वह पूना छोड़ कर भाग गया और शिवाजी फिर देश में लूट मार करने लगा। ३४-शिवाजी का दरबार में बुलावा । १--औरङ्गजेब को राज करते अब सातवां बरस लगा गया। उसके साथ अब भी कुछ राजपूत राजा थे क्योंकि