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४-बहुत दिन पीछे उत्तर से और जाति के लोग भी आये। ये यूनानो, ईरानो, तुर्क, शक और हूज थे। इस में सन्देह नहीं कि और लोग भी रहे होंगे पर उनका अब कोई नाम तक नहीं जानता। पहिले यह लोग भी यहां के रहनेवाले आर्य, कोल और द्रविड़ लोगों से जो मिल जुल
द्राविड़ों की नाग-पूजा ।
गये थे, उनसे लड़े, पीछे उन्होंने भी मेल कर लिया और यहीं बस गये ।
५-भारत के रहनेवाले कई जाति के लोग थे। हर
जाति और हर गोत्र का एक नाम था पर और देशों के रहनेवाले उनको एकही नाम से पुकारते थे। परदेशी उनको हिन्दू और उनके देश को हिन्दुस्थान कहते थे।
६-भारत की कहानी सुनने से तुम जानोगे कि बहुत