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हो जायगा' ; बादशाहों को जीतेगा और ऐसा नाम पैदा करेगा ओ कभी भूला नहीं जा सकता।

६-कुछ ही महीने बीतने पर फरान्सीलसियों से लड़ाई

छिड़ गई। इस समाचार ने क्लाइव में नई जान डाल दी। वह तुरन्त गवर्नर के पास एहुँचा और उस ने सेना में भरती होने की आशा मांगी। गवर्नर जान ही चुका था कि यह लड़का दफ्तर के काम का नहीं है। इस से उस ने क्लाइव को सेना का एक छोटा अफसर बना दिया। निदान लाइव का मनमाना हो गया क्योंकि वह जन्म का लड़का था या यों कहना चाहिये कि वह क्षत्रिय था जिसका काम लड़ने और हुकम करने का है न कि वैश्य जिस का काम व्यापार करने का है। यह नियम है कि हर एक अफसर को लड़ाई का काम सीखना पड़ता है उसको लड़ना सिपाहियों को कवायद कराना और उन को लेना पर कमान करने के हुनर सिखाये जाते हैं, पर क्लाइव को यह सब जानने की आवश्यकता नहीं थी। उस ने शीघ्र दिखा दिया कि मैं कितनी उत्तमता से सिपाहियों की अफ़सरी कर सकता हूँ। वह शङ्कट को हँसी में उड़ाता था और डर का तो नाम ही नहीं जानता था। देशी सिपाही उसे बहुत चाहते थे और उसकी अफ़सरी में हर जगह जाने को तैयार थे , वह उसको साबितजङ्ग कहते थे यानी वह पुरुष जो लड़ाई में धीर रहे।