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सेना में भर्ती होने के थोड़े ही दिन पीछे वह एक
बार कुछ छोटे अफसरों के साथ तास खेल रहा था। वह
लोग रुपये को बाजी लगाते थे। कलाइव हार गया पर
उस ने जान लिया कि एक अफसर बेईमानी करता था।
वह बोला कि मैं बेईमान आदमी को रुपया नहीं दूंगा।
उन दिनों अगर कोई सभ्य पुरुष किसी दूसरे को बेईमान
या झूठा कहता तो उस से लड़ना भी पड़ता था। जो
वह न लड़े तो लोग उसे कायर कहते थे। आदमियों की लड़ाई को डुयेल कहते थे। छोटे अफसर ने पर पुकार कर क्लाइव से कहा कि “हमारा तुम्हारा डुयेल समंचों से होगा।" वह दोनों पन्द्रह पग की दूरी पर खड़े
हुए। पहला फायर क्लाइव को करना था। उस ने तमंचा
छोड़ा। निशाचर बहक गया। अब दूसरे अफसर की बारी
आई। वह कलाइव के पास तक चला गया और उसके सिर
पर तमंचा ठोंक कर बोला, “जो कुछ तुम रुपया हारे हो
अमो रख दो और मुझे बेईमाम बताने की क्षमा मांगो नहीं तो
मैं तमंचा छोड़ता हूँ।" क्लाइका ने कहा, "दागो, मैने तुम्हें
पहले बेईमान कहा था और अब भी बेईमान कहता हूँ।"
अफसर ने तमंचा नहीं छोड़ा और यह कह कर कि क्लाइव
पागल है तमंचा फेंक दिया।
८--फरान्सीसो सरदार डूपले जो बहुत दिनों तक
हिन्दुस्थान में रह चुका था बड़ा चलाक आदमी था। वह