पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२१६

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(२०८ ) और एक अम्बई में। यह लोग पहले व्यापारी कारखानों के अफसर थे पर अब कम्पनी दो बड़े बड़े देशों का शासन करती ही, एक मास का उत्तर सरकार और दूसरा सारा अङ्गाल देश। अब गवरनरों को राज भी करना पड़ता था और व्यापार भी। अनेज़ व्यापारी भी थे और जवाब भी थे। मुगल बादशाह उन का नाम मात्र का अधिराजा था। इन गवरजरों को किसी से लड़ाई और किसी से सति करनी पड़ती थी। इससे यह उचित समया गया कि सब मिलकर वह कार्य करें जिससे उनके मालिक ईस्ट इण्डिया कम्पनी का भला हो और एक की चाल दूसरे के बिरुद्ध न पड़े उचित ही था कि सब मिल कर एक ही नियम पर चल, लब के मित्र एक ही रहें और बैरियों से लड़ने भिड़ने में सब एक दूसरे की सहायता करें, तीनों पावरन्दरों में बाल के वरनर के शासन में सबसे बड़ा देश था और यहाँ व्यापार भी बहुत था इस लिये कम्पनी ने उसे तीनों का अफसर बना दिया, और उसका नाम गवरनर जेनरल रख दिया, और उस की सहायता के लिये चार सभ्यों की एक कौंसिल बना दी गई। ४- सन् १७७४ ई० में वारेन हेस्टिङ्गस् पहला गवरनर जेनरल बनाया गया और इस पद पर वह ग्यारह बरस तक रहा। उसे बहुत कड़ा काम करना पड़ता था। ऐसा काम उसके पोछ किसी गवरनर जनरल ने नहीं किया। धह