पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२१८

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(२१० ) कोई कसर न रखी। यह समझा था कि हेस्टिङ्गस् निकाल दिया जाया तो मैं ही उसका पद पाबहा। और दो मेल्बर उसके साथ थे, वह हर बात में गवरनर जनरलले विरोध किया करते थे और जो उपाय यह देश की भलाई के लिये करना चाहता था उसके बिगाड़ने का उद्योग करते थे। ६--इस से हेस्टिक का काम और भी कठिन हो गया। उसका बर्ताद बहुत ही कोमल और सभ्य रहता था, वह शान्त रहता था, पर बह बड़ा दूढ़ था और जो उस से विरोध करते थे उन से कभी हार न मालसा था। मालिस उसे रोकता ही रहा पर हैस्टिङ्गम् सात बरस तक अपने विचारों के अनुसार अपना काम करता गया, अन्स को उस से सहा न गया। एक दिन झांसिस ने अपनी प्रतिक्षा के प्रतिफूल किया। तब हेस्टिङ्गर के कौंसिल की किताब में लिखा कि मुके इस का विश्वास नहीं है, यह सच नहीं बोलता। फ्रांसिस ने कहा कि इसने मेरा अपमान किया और उस समय की रीति के अनुसार जैसा कि हम लाइव के बारे में पढ़ चुके हैं उस ने गवरनर जेनरल से कहा कि मेरे साथ हुएल लड़ो। हेस्टिङ्गत भी तैयार हो गया और दोनों में तमश्चों से एक हरी; दूसरे दिन सवेरे दोनों इकट्ठा हुए और १४ पद का तर देकर आमने सामने खड़े हुए। फ्रांसिस ने तमन्ना चलाया पर उसका बार खाली गया, हेस्टिङ्गर ने तमचा नहीं खलाया फ्रांसिस ने दूसरा तमन्चा उठाया छोनों ने साथ