पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२१९

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साथ गोली लाई फ्रांसिस के गोली लग गई और यह गिर पड़ा। मन मच गया। फ्रांसिस आठ दिन में अच्छा हो गया और चार महीना पोहो गतिसाद लौट गया और वहाँ हेस्टिनम का मान करने के लिये जो कुछ उस से बन पड़ा करता रहा। थोड़े ही दिनों में दो दर को कोसिस के साथ थे वह भी कलरूस में मर गये और देटिग के लिये कम्पनी और देश की भलाई करने में कोई वाधाम रही कि गवरशर जेनरल हुशा तो उहा ने पहिला काम घह किया कि दे और उस के अधिकारियों का चुरा शासक अन्द कर दिया और अंगाल को पूरा अंग्रेजी शासम में कर लिया। उसने हर जिले में अंग्रेजी कलकर नियुक्त कर दिया : अंग्रेजी ऊन इक्ष कर दीवानी के मुहले करने के लिये अदाय बोली शौर जजों की सहायता करने को हिन्दू पण्डिस और मुसलमान काजी नियत किये। लोगों को मार से कुछ काम न था। यह व्यापारी न थे, शासक ( हाकिम) थे। इन की बड़ी बड़ी तनखाहें थीं और यह किसी से नजर भेंट न ले सकते थे। महसूल बटा दिये गये और इनकी संख्या कम कर दी गई पर सब ठीक समय पर लिये जाते थे और सरकारी काओं में कई करने के लिये पहिले भाने लगा। शासन अच्छा होने से प्रजासुनी हो गई। -इन पहले कह चुके हैं कि मुग़ल बादशाह शाह