पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

बीच में सूर के सुलतान हैदरअली ने अंग्रेज़ों पर बढ़ाई कर रखी थी। देलिबन ने इस' रुपये से भद्रात के भवरमर की सहायता की। अन्तमें हैदरअली से सन्धि कर ली राई; बम्बई के गवर्नर को भी महरठों से लड़ना पड़ा था। ने उस की भी सहायता रुपये और सेना से लड़ाई इन दोनों लड़ाइयों में बहुत रुपया हेस्टिङ्गम् को रूपया इकट्ठा करना था, और वह काम यह केवल शाह आधा का बेतन रोक कर रुपया अचाने और बडाल का देश धोत्रों के हाथ में देकर उसमें अदल बदल करने ही से कर सका। 1 उसकी सरकारी और उसका निर्दोष ठहराया जाना ओर डेल्स फोर्ड का फिर मोल लेना। १-हेस्टिङ्गस् ५३ बरस का हो चुका था। उसने ३० बरस से अधिक बड़ी मिहनत से काम किया था और वह थक गया था। अब उस ने सोचा कि अपने पुराने देश और अपने पुराने घर में जाकर सुख से धैठना चाहिये और उसने नौकरी छोड़ दी और इंशालिस्तान चला गया। २-...घर पचते ही उस के घेरियों ने उस पर बड़ी लिछुराई से वार किया। मालिस एचान बैठा था। उसने गवर्नर जनरल के विरुद्ध कितनी झूठी बाते प्रसिद्ध कर रखी