पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२२४

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जाथ। वकील हेस्टिङ्गल के पास चला गया और उसने चाहा कि हेस्टिङ्गस् से हाथ मिलाये। वह बोला “हेस्टिङ्गा साहब, खाप यह न समझियेगा कि मैं आपको सचमुच दोषी समझता था सहस में जो कुछ मैं ने कहा था वह वकील की हैसियत से कहा था। अकील का काम है कि अपना मुकदमा जीतने के लिये जो उस से हो सके कहे। पर हेस्टिङ्गस् पीछे हट गया। उस की बात का उत्तर न दिया। उसकी ओर ताक कर सलाम किया और अपनी पीठ फेद ली। हेल्टिङ्गस् यह उचित न समझता था कि मुकदमा जीतने के लिये शकील का धर्म है कि झूठ बोले और किसी के सर्वनाश करने की चेष्टा करे। इसी से उस ने न बकील से हाथ मिलाया ल बससे मित्रता की। ४-जब यह प्रसिद्ध अबकारी समाप्त हुई तो गबरनर जेनरल के ऊपर कोई अभियोग सिद्ध न हुआ और वह निर्दोष ठहराया गया। इस पर भी उसे सात बर तक अपने वकीलों का खर्चा देना पड़ा और उस के पास कौड़ी न बची। पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने जिसकी उस ने इतने दिनों तक और देसी भक्ति से सेवा की थी उसे मुकदमे का सारा खर्चा दे दिया और उहाके जन्म भर के लिये एक अच्छी पेनशन कर दी। ५-इसा के पीछे हेस्टिङ्गल ने डेल्सफोर्ड में अपने कुल का पुराना घर' मोल ले लिया और वहाँ बहुत दिनों तक सुख चन से रहा और उस की सब प्रतिष्ठा करते थे।