पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२३६

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(२२८ ) बचा कोई बुरी बात करता है तो बाप उसे दण्ड देता है बाप यष्यों की रक्षा करता है, दुख दर्द से बचाता है और यह बातें बताता है जिन का करना उचित है या जिन कोन करना चाहिये और जिनसे बचना चाहिये। ३-अच्छे राज्य में प्रजा अपने राजा की आज्ञा ऐसे ही मानती है जैसे बच्चे अपने. बाप की। राजा या बादशाह अपनी प्रजा को दुख से बचाता है, अपराधियों को दण्ड देता है और निर्बलों की रक्षा करता है जिससे उसकी लार्ड वेलेजली। प्रजा सुख चैन से रहती है। ४-इसी प्रकार भारत ऐसे बड़े देश में सब जगह शान्ति रखने और प्रजा की रक्षा के निमित्त यह परमावश्यक है कि एक शक्तिमान् न्यायपरायणा और सुजन हाकिम या बादशाह हो, शक्तिमान् उसे इसलिये होना चाहिये कि सामन्तों और हाकिमों से अपनी आशा पूरी करायें, चोरों और लुटेरों को दबाने की योग्यता उसमें हो जिस से सब जगह शान्ति रहे। उस के पास समुचित धन होना चाहिये जिस से अकाल पड़ने पर कङ्गालों और दीन दुणियों की सहायता कर सके।