पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( २२६ ) वह अकबर की भांति बुद्धिमान और सुजन होगा तो प्रजा के लिये अच्छे और न्याय के कानून बनायेगा और साह को उस कानून के अनुसार चलने को बाध्य करेगा। ५ -उस समय भारत में शासन करनेवालों में अंग्रेज़ अर्धात् ईस्ट इण्डिया कम्पनी ही सब से बली, सब से बुद्धिमान और धमी थी। हाई वेलेजली ने देखा कि सब अंग्रेजों के लिये यह पाया है कि देश में जो लूटमार मची है उस का शेक और भारत को चौपट होने से बचाई। इस समय के बड़े बड़े शासनकता यह थे, उत्तर भारत में वञ्च का नवाब, मध्या भारत में महरठों के सरदार और निजाम और दक्षिय-भारत में पैसुर का टीपू सुलतान सिह लोग भी बलवान होते जाते थे पर उन की कार्यवाही पञ्जाव के बाहर न हुई थी। इनमें महरठे ६-लार्ड वेलेजली ने सब शासनकर्ताओं को लिखा कि वह उस को प्रधान मानकर उस की आज्ञा मार्ने। उस ने कहा कि अगर तुम ऐसा करना स्वीकार करो तो तुम्हारे देश में एक शक्तिमान् सेवा भेजी जायगी जो सब शत्रुओं को भगा देगी और देश भर में शान्ति रखने में सहायता देगी; सब को इस सेना का खर्च देना पड़ेगा। आपस में लड़ाई दंगा न करने और अपनी प्रजा को दुख न देने और देश का सुप्रबन्ध करने की प्रतिक्षा करनी पड़ेगा। ८ निजाम सब से निवल था और महरठों से बहुत