पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२५९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

५६ सिवान की महापको का भारत की राजराजेश्वरी वन जाना। ...मालिया की महारानी ने अच्छ इस बात का उचित अवसर जाना कि ईस्ट इण्डिया कशानी से सर अधिकार लेकर आप देश का शासन करें और १८५८ ई. यह भारत की महारानी हो गई। ईस्ट इण्डिया कम्पनी १५० बरस रह कर तोड़ दी गई। २-बीस बरस पीछे २८०० ई० में महारानी ने भारत की राजराजेश्वरी की पदवी धारण की। उनके बराबर अच्छा शासन करनेवाला भारत में बिरला ही कोई हुआ होगा। उन का बरताव राजराजेश्वरी विक्टोरिया। सब के साथ अच्छा था और वह सब पर क्ष्या करती थीं। वह अपने भारत के कंगाल भिण्डलों को भी ऐसे ही मानती थी जैसा लिस्तान के बड़े से बड़े सरदार को। ३... इङ्गलिस्तान की महारानी भारत में नहीं रह सकीं। इस लिये उन्हों ने अपनी ओर से देश का शासन करने के लिये एक अंग्रेज़ी सरदार भेजा। इस को बाइसराय