पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/४१

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५-हिन्दुओं का एक राजा चन्द्रगुप्त हो गया है। इस राजा ने सब से पहिले विक्रमादित्य की पदवी धारण की प्रायः सभी हिन्दू धरों में उसी के समय से काल की गिनती की जाती है। ६-ईसाई लोग काल की गिनती ईसामसीह के अन्य दिन से करते हैं। ईसा उनके धर्म के मूल अधिष्ठाता थे और उनके जन्म को ईसाई लोग संसार की बड़ी घटना मानते हैं। ईसा का जन्म ईसवी सन् कहलाता है। जो घटना ईसा के जन्म से पहिले हुई उसे ईसा से पहिले बरल लिख कर उसकी गणना करते हैं। इतिहास में लिखा है कि बुद्धदेव का जन्म ५६७ बरस ईसा से पहिले हुआ था। इसका अर्थ यह है कि बुद्धदेव ईसा से ५६७ बरस पहिले जन्मे थे। ७-कोई घटना ईसा के जन्म से पीछे हुई हो तो उसे सन्, ई०, के आगे बरसों की गिनती लिखकर उसका समय दिखाया जाता है। जब हम इतिहास में पढ़ते हैं कि पैगम्बर महम्मद साहब मक्के से ६२२ ईसवी में भागे थे तो उससे हम यह समझते हैं कि यह घटना ईसा के जन्म से ६२२ बरस पीछे हुई है। ८-आज कल चिट्ठी या पुस्तक लिखने में बहुधा ई० सम् शब्द छोड़ दिये जाते हैं। जब हम कहते हैं कि आज कल १६१५ का साल है तो उसका अभिप्राय यह है कि ईसा के अन्म से १९१४ बरस बीत गये। ।