पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/४४

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बुखिया हरिणी पर तुमने जो आज दया की उससे अल्लाह तुम से बहुत प्रसन्न हुआ है और तुम्हारा नाम उसके दरवार में बाज बादशाही में लिखा गया है। तुम एक दिन सुबुक्तगीन और हरिणी। बादशाह होगे। तुम जब बादशाह होना तो अपनी प्रजा के साथ ऐसा ही बरताव करना । दया न छोड़ना क्योंकि लोक पर लोक दोनों में राजा का गुण इससे बढ़ कर दूसरा नहीं है।