पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/४५

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६-सुबुक्तगीन पीछे बड़ा प्रतापी बादशाह हुआ। उसका विवाह अफगानिस्तान के बादशाह की बेटी के साथ हुआ था और जब बादशाह भरा तो सुबुक्तगीत . उसके तख्त पर बैठा और उसका सपना सच्चा हो गया। उसने पान के राजपूत राजाओं के साथ कई लड़ाईयाँ लड़ीं। उससे भी बढ़कर उसका बेटा महमूद प्रसिद्ध हुआ है। राजनी का महमूद। हिन्दुस्थान की टूट मार १-महमूद गजनवी के समय में जिसको आज से नौ सौ बरस हुए भरतखण्ड संसार के बड़े धनी देशों में गिना जाता था। हिन्दुओं ने बड़े बड़े नगर इलाये थे और बड़े बड़े मन्दिर बनवाये थे जिसमें सोना चांदी भरा पड़ा था। इनमें बनारस जिसको काशी भी कहते हैं सबसे पुरान्दा और सबसे पवित्र तीर्थ माना जाता था। भारतखण्ड का ध्यापार अपने पड़ोस के देशों से यूरोप तक फैला था। बड़ा बड़ा महंगा सामान वहाँ से ऊंटों पर लइकर अफगानिस्तान के दरों की राह दूर दूर देशों में जाता था। २–महमूद ने अपने लड़कएन ही से ऐसे व्यापारी अपने बाप के राज्य से होकर जाते देख्ने थे। वह व्यापारियों से बातें किया करता था, और वह उस से कहा करते थे कि हिन्दुस्थान में बड़े बड़े शहर है, और बड़े बड़े मन्दिर हैं