पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जिनकी धन-सम्पत्ति का पारापार नहीं। महमूद यह कहता था कि जब मैं बड़ा होकर बादशाह हो जाऊंगा तो हिन्दु राजाओं से लगा, उनका सोना चांदी उनसे छीन लँगा और माज़नी लाऊंगा। काथी। ३-तीस बरस की उन्द्र में महमूद सिंहासन पर बैठा और जो कुछ वह पहिले कहा करता था यह सब उसने करके दिखा दिया। जब तक बरसात रही और दरै वरफ से भरे ढके थे वह चुप चाप बैठा रहा। इसके पीछे वह इल बादल से भारत पर चढ़ जाया और लूट का माल लाद