पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/६५

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होनापति कुतुबुद्दीन को छोड़ दिया और इसने कई बरस तक इस देश का शासन किया। २-महम्मद गोरी के मरने के पीछे कुतुबुद्दीन बादशाह उसने और उसके पठान सिपाहियों ने देखा कि हिन्दुस्तान एक अच्छा देश है यहाँ रहना सहना बड़े सुख से हो सकता है; अपने ठण्डे पहाड़ों में यह आनन्द कहा है। इससे वह सब इन्हीं हरे भरे जैदानों में ठहर गये और अपना घर बना लिया। उन्हों ने अपने कुल के लोगों कुतुबुद्दीन। और मित्रों को भी बुलाया और थोड़े ही दिनों में बहुत से तुर्क अफ़ग़ान और अरब हिन्दुस्तान में आ गये इन जातियों के बादशाह दिल्ली के सिंहासन पर बैठे और किसी किसी ने उसके आस पाल देशों में आपना राज्य स्थापन कर लिया। बहुतेरे सरदार अपने बड़े के साथ आये और जहाँ उनको जगह मिली वहीं बस गये। हर एक सरदार जहाँ बसा, उसके आस पास के गांवों का राजा बन गया और हिन्दू प्रजा से पोत और बटाई लेने लगा।