पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/७३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१८-नसिरुद्दीन। अपनी रोटी कमानेवाला बादशाह । १---नसिरुद्दीन रज़िया के बाप अलतमश का पोता था। उसके एक बयाने जो रज़िया के पहले सिंहासन पर बैठा था उसको पकड़ कर बन्दी घर में डाल दिया था। वह और भी जो उसका चचा उसके पास भेजता थाभ लेता था। वह कहता था कि मैं आप अपने खाते पहिनने के लिये रुपया कमा लैंगा। २-- उस समय यानो अब से साढ़े छ: सौ बरस पहले हिन्दुस्थान में किताबें छपी न थीं। सब किताई हाथ ही से लिखी जाती थी। उस समय किताबें कम और महंगी थीं 7 नलिरुहील अपने खाने भर को फ़ासी और अरबी की किताबें जङ्गल करके धन कमा लेता था। वह लिखने में बड़ा निपुण था और अपना सारा समय जब वह कैद था पढ़ने लिखने में बिताता था। वह कुछ दिनों में बड़ा विद्वान् हो गया। और वह अपने समय के बड़े विद्वानों और पुस्तक लिखनेवालों में से था। ३-कुछ दिन पीछे उसका निर्दयी बचा मर गया। नसिरुद्दील ही अब उत्तराधिकारी था, सो दरबारियों ने उसी को सिंहासन पर बैठा दिया। उसने २१ बरस राज किया। जब वह बादशाह था तब भी उसने अपने लिये