पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/८०

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कुछ राजपूतों के साथ माता हुआ देख पड़ा। सूबेदार के आदमियों ने राजा को आता हुआ देखा तो भाग खड़े हुए और रादी अपने घर पहुंच गई। ११.---अरगल का राजा बहुत प्रसन्न हुआ और उस जवान सरदार अमरचन्द को अपनी बेटी व्याह हो। अमय ऐसा कुलीन और बड़ा सरकार न था पर राजा उसका ऐसा कृतज्ञ हुआ कि उसको शव की पदवी दी जिससे उसके वंशवाले अन्य भी पुकारे जाते हैं। राजा ने उसको एक जागीर भी बख्शी। १२--सारे देश में बहुत दिनों तक गाँव गाँव में अक्षय और निर्भय की कहानी ( उन्हों ने कैसे सनी की रक्षा की) प्रसिद्ध रहो। १३---अवध के सूबेदार को बादशाह नसिरुद्दीन ने निकाल दिया। उसने खिश्यों को छेड़ा इस से शत्रु मित्र सब ने उसको बुरा कहा। उसके घरवाले भी उसके काम से लजित थे। २०-अलाउद्दीन। १---रजिया और नासिरुद्दीन गुलाम बादशाहों की सन्तान थे। उस वंश में कुल दस बादशाहों में लगभग ८१ बरस राज किया। उनमें से केवल तीन अपनी मौत से मरे और सब मारे गये। तीन सौ बरस के लगभग जैसा