पृष्ठ:१८५७ का भारतीय स्वातंत्र्य समर.pdf/१३२

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खण्ड २ रा प्रस्फोट NAUKAREE CREAL Nilaldaiamshatantall. AALAENMIC EMAITA अध्याय १ ला हुतात्मा मंगल पांडे सत्तावनी कातिके विषयमें बनी अनेक आश्चर्यकारी घटनाओंकी तहमें सबसे बड़ी अजीब बात उस.सगठनकी गुप्तता थी। बडे बडे चतुर अंग्रेज शासकोंको भी इस बातका निश्चित पता न चला कि इस महान् प्रस्फोटका मूल क्या था । क्यों कि, क्रांतिका घडाका समूचे हिंदुस्थानभर धधकते हुए भी और एक वर्ष बीत जाने पर भी, उन अंग्रेज शासकोंके मनमेंयह बात बैठ गई थी कि 'चरवीसे चिकनी कारतूस ही इम क्रातिका कारण है। किन्तु बादमें धीरे धीरे अंग्रेजों पर यह बात खुलती गई कि काडतूसोंका मामला तो मात्र एक आकस्मिक कारण था। और वे ही अब स्वयं सुनाते हैं कि " स्वधर्म और स्वराज्यके पवित्र हेतुसे प्रेरित होकर ही १८५७ के कातिवीर लड़े थे"* अंग्रेजोंकी सजग सत्ता

  • (स. १९) मॅलिसन् कहता है:--- एक बहानेके रूप और इसी रूपमें मात्र काडतूसोने विद्रोह कराया। पडयंत्रकारियोंने इन बहानोंसे पूरा