पृष्ठ:१८५७ का भारतीय स्वातंत्र्य समर.pdf/१५४

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प्रस्फोट] ११८ [द्वितिय खंड

उतार दिये गये।डरसे काँपते हुए दिल्लिके रास्तेमे भागनेवाला वह कॅप्टन ड्ग्ल्स कहाँ है? काटो उसे।और यह कोनेमे मूह छिपाये बैठा कायर कलेक्टर?भेज दो उसे नकेमे।हॉ,अब दिल्लिके राजमहलमें फिरगीके नामपर कोइ न बचा था।वीरो,तुम अब थोडा आराम कर सकते हो।दिल्लिके इस पुराने राजमहल के प्राग्णमे बुडढल अपना डेरा डाला और रातभर रास्ते को तय करते सैनिकोको दीवानी-ई-खास में आराम करने दो। इस तरह,दिल्लिके राजमहल पर जनताकी सेनाने पूरी तरह ढ्खल कर लिया।बादशाह,सम्राज्ञी जीनतामहल तथा सैनिकनेता सब मिलकर आगामी कार्यक्रमके बारेमे सलाह मशविरा करने लगे।अब ३२ मईतक ठहरना निरी मुर्खता होगी।इसलिए,परिस्थितिको समझकर बादशाहने प्रकटरूपमे क्रांतिकारियो का साथ देन स्वीकार किया।इस धूमधाममे मेरठके तोपखानेके बहुतेरे विद्रोही सैनिक दिल्लि आ पहुँचे।इन्होने राजमहलमे प्रवेश्कर बाद्शाह तथ नूतन उदय होनेवाले स्वातंत्र्य-सुर्यको २१ तोपे दागकर सैनिक-वंदना की।क्रांतिदलके नेताओसे लम्बी चर्चा और बहस करनके बाद जो कुछ संदेह बादशाहके मनमे था वह तोपोकी इस गडगडाहटके साथ साफ उड़ गया और सम्राटपदकी सैकडो आकाक्षाऍ उनके अंतस्तलमे जगमगाने लगी।अंग्रेजोके खूनसे रंगी हुई अपनी तलवारोको हवामे फेंक कर क्रांतिनेता बादशाहसे बोले "सम्राट्!मेरठके अंग्रेजोकि कररि हार हुइ है।दिल्लि तो आप्के हि साथ है और पेशावरसे कलकत्ते तक सभी सैनिक और जनता आपकी आज्ञाकी राह देख रहे है।विदेशियो की बनायी पराधीनताकी श्रृखलाओको तोड अपना ईश्वरप्रदत्त स्वातंत्र्य प्राप्त करनेके लिये समुचा भारत जागरित हो उठा है।इसलिए स्वातंत्र्यका झण्डा आप उठाईए,जिसके नीचे भारतभरके वीरवर इकठ्ठा होकर लडेगें।हिंदुस्थानने अब स्वातंत्र्य-समर घोषित किया है।आप यदि हमारा नेतृत्व करे तो हम फिर्गी सैतानोको य तो सागरतलमे डुबो देंगे अथवा गीधोको उनके मातकी दावत देगे।"इस तरह हिंदु और मुसलमान नेताओकी स्र्व्स्ंण् तथा उतेजनापूर्ण वकतृता सुनकर,

  • चार्लस वॉलकन ढडियन म्यूटिनी खण्ड १;पृ,७४