पृष्ठ:१८५७ का भारतीय स्वातंत्र्य समर.pdf/२५२

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प्रस्फोट] २१२ [द्वितीय खड स्त्री-पुरुष भेद भी भूला गया था. लजा लुप्त हो गयी ! दूध न मिलनेसे बच्चे मरं गये और उस दुःखसे माताओंने भी गरीर छोडे! मृतोको दफनानेकी कौन कहे; कौन मरा, कौन बचा इसकी पूछताछ करना भी दूभर हो गया। जिदोंकी सूचीमें लिखा हुआ नाम तुरन्त काटनेकी बारी आयी। उस प्रसगका ठीक वर्णन करनेके लिए एक अनुभव लिपिबद्ध करनाही अच्छा है। कॅग्टन थॉमस आप-बीती सुनाता है, “जब आर्म-स्टाग घायल होकर गिरा तो उसे देखने ले. प्रोल आया। उसके महसे धीरज बंधानेकी दो बातें पूरी निकली भी न थीं, तभी एक सिपाहीकी गोली उसकी रानमें आरपार गयी और प्रोल हडहडाकर नीचे गिर पड़ा। उसका हाथ मेरे कधेपर रखकर और मेरा हाथ उसकी कमरमे लपेटकर सार्जटके पास ले जानेको मैं उठानही लगा था, कि सॉव सॉय करती एक गोली मेरे कधे में आ लगी जिससे में और प्रोल दोनो गिर पड़े। यह देखकर गिल्बर्ट बक्स हमारी ओर दौड पड़ा; किन्तु शत्रुकी गोलीभी उसका पीछा करती आयी और उसकी देहसे आरपार निकल गयी, वह भी मौतकी राह देखता नीचे गिरा । एक घटेका यह विवरण २१ दिनोकी उस लडाईका भान करानेको काफी है ! सर व्हीलरका लडका घायल हुआ। एक कमरेमें उसकी माँ और दो बहनें उसे दवादारू दे रही थी किन्तु टवा गलेके नीचे उतरनेके पहलेही एक भयकर धडाका हुआ और उसका सिर तनसे अलग हो गया । मॅजिस्टेट हिलर्सडेन अपनी पत्नीसे 'बरामदेमें बोल रहा था तब वीस पौडवाला तोपका गोला उसके सिरपर ही आ फटा और साहबकी बोटी बोटी कट गयी; कुछ दिनोंके बाद उसकी वेवा जिस दिवारसे उठेग कर खडी थी, वही हडहडाकर गिर पडी और वह उसके नीचे दबकर मर गयी। गढीके पास की खाईमें सात औरते थी; वहाँ एक बम फटा और उन सातोंके साथ एक गोरा सोजीरभी, वही जिसने बलवेके पहले एक सिपाहीको योही गोली मार दी थी और वेगुनाह करार देकर बरी हुआ था, खतम हो गया। हाँ तो, इस तरह सिपाहियोंकी बढ़के अपने आप चल पडी।। और ऐसे धडाकेके साथ, कि अग्रेज सोल्जरोंकी आगामी पीढी शराबके नशेमे भी उसे भूल न सके!! .