पृष्ठ:१८५७ का भारतीय स्वातंत्र्य समर.pdf/३४७

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अध्याय ३ रा विहार S RATHI • अत्तर पश्चिमी सीमा प्रान्त, प्रयाग, आगरा, बंगाल आदि प्रांतों को अपने सैलाव में बहा ले जानेवाली क्राति की लहर से विक्षार पान्त या असकी राजधानी पटना क्यों कर अछूते रह सकते हैं। बिहार में महत्त्वपूर्ण स्थान थे गया, आगरा, छपरा, मोतिहारी और मुजफ्फरपूर । मिस प्रान्त की प्रमुख छावनी दानापुर में थी। यहाँ ७वी, ८ वी तथा ४० वी हिंदी पलटनें, अन पर दबाव डालने के लिमे मेक गोरी पलटन तथा युरोपियन तोपखाना, अितनी सेना मेजर जनरल लॉअिड के अधिपत्य में थी। पास ही सिंगवाली में मेजर होम्स के आधिपत्य में १२ वी हिंदी रिसाला पलटन रखी गयी थी। ___ अस समय अितिहास-प्रसिद्ध नगर पटना में वहाबियों का गढ था। कमिशनर टेलर मानता था कि ५७ की क्रांति में पटना अवश्य हाथ बटाअगा, जिस से अस ने बहाबियों के नेताओं पर खास निगरानी रखी थी। अंग्रेजी पराधीनता का पूरी तरह देष करनेवाले पटना में, पहले १८५२ में अंग्रेजी राज को उलट देने के हेतु अक गुप्त ___ क्रांतिकारी संस्था स्थापित हुभी थी। जिस संस्था में प्रतिष्ठित, तथा धनी नगर सेठ, पेढीवाले, शाहुकार तथा जमींदार थे, जिस से क्रांतिकारी को आवश्यक धन की कमी न थी। जिस संस्था के 'पदाधिकारी प्रसिद्ध मौलवी होने से संस्था का कार्य बहुत बड़े पैमाने पर ५