पृष्ठ:१८५७ का भारतीय स्वातंत्र्य समर.pdf/५८८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

F- ." .::: .. क्रांतिकारी सामाजिक ग्रंथ हिंदुओं की अवनति की मीमांसा ले. श्री. रघुनाथशास्त्री कोकजे ततीर्थ, साख्यतीर्थ, धर्मपारीण. सहायक:-पं. ग. र. वैशंपायन, विशाभूषण. मॉडर्न रिव्हयू कलकत्ता---' से हार्ट सचिग बुक" श्री भदन्त आनन्द कौसल्यायन पुस्तक से मुझे नयी जानकारी मिली है। स्वनी जगद्गुरु श्री जानकीदासजी महाराज, अयोध्या 'जिम मूला गंध मा सार्वभौम और व्यापक प्रचार होना चाहिये। पाप्तिस्थानः-जोगल अॅन्ड सन्स ५५० शनवार पेठ पुणे. २ (Poona 2) काटा कागज २) सफेद कागज २॥) . अव्यय अलग. .

mi

r than सामाजिक क्रांति वीर सावरकरजी सं. लगभग २०० 'सामाजिक क्रांति' प्रकाशित हो रहा है। निर्मल साहित्य प्रकाशन ६९३ बार पेठ, पु, २. - - -