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गांधीजी की ग्यारह शर्ते
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और गुजराती के उत्कृष्ट लेखक-सम्पादक तथा प्रकृति-चिकित्सक भी हैं। उनकी 'आत्म-कथा' बहुत ही सुन्दर तथा उच्चकोटि की रचना है। उन्होने 'यंग इंडिया', 'हरिजन' तथा 'हरिजन-बन्धु' नामक पत्रो का संपादन भी किया है। दक्षिण अफ़्रीका में 'इंडियन ओपीनियन' पत्र निकला था। ८ अगस्त १९४२ को अ० भा० कांग्रेस कमिटी ने बम्बई में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के भारतीय स्वतन्त्रता-सम्बन्धी 'भारत छोडो'


(Quit India) प्रस्ताव को स्वीकृत किया और ९ अगस्त के प्रातःकाल कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्यों सहित गांधीजी बम्बई में पकडे जाकर नज़रबन्द कर दिये गये। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद गान्धीजी ने घोषणा की थी कि वह अगला क़दम उठाने से पूर्व वाइसराय से भेट करके उनसे समस्त स्थिति पर बातचीत करेंगे, किन्तु ९ अगस्त के प्रातः ५ बजे ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।


गांधीजी की ग्यारह शर्ते--सन् १९३० में, नमक-सत्याग्रह आरम्भ करने से पूर्व, गांधीजी ने तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन के समक्ष निम्नलिखित ११ मॉगे, स्वीकृति के लिए, प्रस्तुत की थीः--

(१) पूर्ण मादक-द्रव्य-निषेध।

(२) रुपये की विनिमय-दर घटाकर १ शिलिंग ४ पैंस करदी जाय।

(३) किसानों की मालगुज़ारी में कम-से-कम ५० फ़ीसदी कमी कर दी जाय और उसका नियन्त्रण व्यवस्थापिका सभा द्वारा हो।

(४) नमक-कर उठा दिया जाय।

(५) भारत मे फौजी ख़र्चा आधा कर दिया जाय।

(६) उच्च सरकारी पदाधिकारियो के वेतन में ५० फ़ीसदी कमी की जाय।

(७) विदेशी वस्त्र के आयात पर संरक्षण-कर लगाया जाय।

(८) तटीय यातायात संरक्षण मसविदा(Coastal Traffic Reserv-