की यात्रा की। सन् १९३७ के अक्टूबर मास में महात्मा गान्धी ने वर्धा में भारत के शिक्षा-सिद्धान्त-विशारदों को आमत्रित कर एक सम्मेलन किया। इसमे उन्होने अपनी नवीन शिक्षा की योजना पेश की। इस पर विचार करके बुनियादी (बेसिक) शिक्षा के लिए कार्य-क्रम तैयार करने के निमित्त, डा० जाकिरहुसैन की अध्यक्षता में, एक समिति नियुक्त की गई। अपने जर्मन भाषा मे कई ग्रन्थ लिखे हैं। आपकी वर्धा-शिक्षा-योजना-संबंधी रिपोर्ट के आधार पर ही, काग्रेस-सरकारों के युग मे, वर्धा-योजना
या बुनियादी शिक्षा का प्रचार बम्बई, मध्यप्रान्त, बिहार तथा सयुक्त-प्रदेश आदि प्रान्तो में हुआ है।
जार्ज लैन्सवरी--ब्रिटिश मजदूर नेता। २१ फर्वरी सन् १८५९ को जन्म हुआ। ग्रेट ईस्टर्न रेलवे में टिकिट चैकर का काम किया। सन् १८८४ में क्वीन्सलैण्ड चले गये। सन् १८८५ मे ब्रिटेन लौटे। लन्दन मे लक्डी का व्यवसाय किया। सन् १८९२ तक वह लिवरल रहे। फिर समाजवादी प्रजातन्त्र दल में शामिल होगये। सन् १९१० मे कॉमन-सभा के सदस्य चुने गये। वहाँ महिला-मताधिकार के प्रवल समर्थक थे। १९१२ मे उन्होने सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। १९१२ मे ‘डेली हेराल्ड' के सपादक बने। सन् १९२० मे उन्होने सोवियट रूस की यात्रा की।
१९२२ मे वह फिर कॉमन-सभा के सदस्य चुने गये। सन् १९२४ मे उन्हे मज़दूर-सरकार मे मन्त्री का पद देने के लिये आग्रह किया, परन्तु उन्होने मन्जूर नहीं किया। सन् १९२५-२७ मे ‘लेन्सबरीज लेवर वीकली' नामक निजी साप्ताहिक पत्र निकाला। सन् १९२७-२८ मे वह मजदूर दल के अध्यक्ष बनाये गये। ७ मई १९४० को, उनका देहान्त होगया।
जार्ज षष्ठम्--जार्ज पंचम् के द्वितीय राजकुमार ग्रेटब्रिटेन के राजा। १४ दिसम्बर, १८९५ ई०। नौ-सेना में भर्ती होकर जटलैण्ड के युद्ध में