क्षेत्र में अँगरेजों के जहाजों ने जर्मन जहाजों को डुबोया, तब विशेषज्ञों ने सब प्रजातंत्रों से यह सिफारिश की कि विग्रही राष्ट्रों के जो जहाज अमरीकन बन्दरगाहों पर आवेंगे उन्हें नज़रबन्द कर लिया जायगा। ब्रिटेन ने इस तटस्थ-क्षेत्र को अन्तर्राष्ट्रीय विधान के विरुद्ध बतलाकर इसका विरोध किया। अमरीका के युद्ध में शामिल होतें ही यह क्षेत्र अब रक्षा-क्षेत्र बन गया है।
तटावरोध—समुद्र द्वारा शत्रु के जहाजों तथा रसद के भेजे जाने में बाधा डालना। तटावरोध शत्रु-राज्य के तट पर ही किया जा सकता है, तटस्थ देशों के समुद्र-तट पर नही। अतः शत्रु तटस्थ राष्ट्रों से माल मँगवा सकता है। यहीं कारण है कि इस युद्ध में तटावरोध की घोषणा नहीं की गई है। परन्तु अन्तर्राष्ट्रीय विधान के अनुसार विग्रही राज्य को यह अधिकार है कि वह उस रसद को रोक सकता है जो शत्रु-देश को पहुँचाई जा रही हो, फिर चाहे जहाज तटस्थ देशो के बन्दरगाहों में होकर ही क्यों न जाय।
तिब्बत—क्षेत्रफल ४,६३,००० वर्गमील, जनसंख्या ६०,००,०००। राजधानी लासा। इस देश का शासक दलाई-लामा है। आबादी का पाँचवाँ
भाग लामा (बौद्ध भिक्षुओं) का है। सन १९१२ तक तिब्बत चीनी नियत्रण में था। तब से यह स्वाधीन देश है। यहाँ विदेशी लोग कम जाते है। यह भारत के उत्तर-पूर्व में हिमालय की गोद मे स्थित है।
तिमोशेंको,मार्शल—मार्शल तिमोशेको की आयु ४६ वर्ष की है। समय वह सोवियत रूस के सेना-विभाग के मन्त्री (People's