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नार्वे
 


विचार प्रचलित हैं। कुछ लोग यह मानते हैं कि 'आर्य' तथा 'नार्डिक' दोनो पर्याय हैं। दूसरे लोग नार्डिक को आर्य जाति की एक शाखा बतलाते हैं। परन्तु वास्तव मे नार्डिक जाति एक पौराणिक कल्पना मात्र है। नार्डिक शक्ल की जाति स्कैन्डीनेविया मे ७० फीसदी, २० फीसदी से भी कम जर्मनी, हालैण्ड और ग्रेट ब्रिटेन मे, और १५ फीसदी से भी कम संयुक्त राष्ट्र अमरीका में बताई जाती है।

नात्सी जर्मनी ने नार्डिक जाति के सिद्धान्त को सबसे अधिक महत्व दिया है। वह जर्मन जाति को नार्डिक मानते हैं, और उनके अनुसार, जर्मन जाति के संसार में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण, उसे विश्व पर शासन करने का अधिकार है। जर्मन-सरकार की नीति को यह प्रमुख अंग है कि वह नार्डिक नस्ल की शुद्धता पर जोर देती है तथा उसकी वृद्धि के लिए सामूहिक विवाहों का आयोजन भी करती है। परन्तु वास्तव में आश्चर्य तो यह है कि हिटलर और गोबेल्स, जो सबसे अधिक इस सिद्धान्त पर जोर देते हैं, नार्डिक नस्ल के नहीं हैं।

नात्सी--यह शब्द राष्ट्रीय समाजवादी (National Socialist) शब्दो का तद्भव रूप है : 'नेशनल' से 'ना' (NA) और सोजीयलिस्ट (Sozialist) से त्सी (ZI) ले लिए गये हैं। इस दल का ससार के साधारण समाजवाद (Socialism) से कोई सम्बन्ध नही है, अपितु नात्सी उसके सर्वथा विरोधी हैं।

नात्सीवाद--राष्ट्रीय-समाजवाद का प्रसिद्ध तथा प्रचलित वाद, वास्तव में Nazism शब्द राष्ट्रीय समाजवाद (National Socialism) का सक्षिप्त रूप है। नात्सीवाद जर्मनी का राजनीतिक-सामाजिक सिद्धान्त है।

नार्वे--जनसख्या ३०,००,०००; क्षेत्रफल १,२५,००० वर्गमील। राजधानी ओस्लो। राजा हाकोन सप्तम, जिसका जन्म १८७२ ई० मे हुआ। नार्वे के स्वीडन से अलग होजाने पर, सन् १९०५ मे, हाकोन गद्दी पर बैठा। यह देश परम्परा से तटस्थ रहा है। स्वीडन तथा डेनमार्क से इसकी राजनीतिक सहकारिता रही है। इसकी पार्लमेट (Storting) की प्रथम परिषद् के १५० प्रतिनिधियों में से ७० वामपक्षी मजदूर-दल के थे। इस दल का द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी सघ (Second International)