सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२२८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२२२
वुदेनी
 

वुर्जआ–फरान्सीसी भाषा का शब्द, अर्थ नागरिक समुदाय । माक्र्सवादी सोशलिस्ट, खेतिहर समुदाय को छोडकर, अन्य समुदायों के लिये, इस शब्द का प्रयोग करते हैं । अन्य समुदायों में पूजीपति, मृदइवोर, कारखानेदार, सौदागर, ज़मीदार और इन्ही केसमान मोटी आमदनी, शिक्षा, सामाजिक स्थिति आदि रखनेवाले पेशेवर-वकील, डाक्टर, प्रोफेसर, तिजारत-पेशी लोग--- अर्थात् जो लोक-संग्रह अथवा सामाजिक-विकास के लिये स्वयं श्रम नहीं करते और मजदूरो और साधनहीन श्रमजीवी समुदाय की कमाई पर पलते-पनपते हैं । बुर्जुश्रा के विपरीत सर्वहारा है जिसके पास कोई ज़मीन-जायदाद, रुपयापैसा नहीं है, और जो अपने गाढे पसीने की कमाई से अपना और अपने आश्रितो का पेट भरता है ।। बुर्जुआ समुदाय के भी दो अंग हैं : अधिक सम्पन्न, जिनमें कारवानेदार और धनिक लोग हैं, दूसरे छुटभय्ये, जिनमें कारीगर और दूकानदार आदि हैं, जिनका जीवन-माप एक मजदूर से अच्छा नहीं होता । मशीनों और कारग्वानों की बढोतरी के साथ, तमाम उद्योगवादी देशों में, बुर्जुआ समुदाय की बन आई और वह पुरातन शासक सामन्तशाही और उसकी लुप्तप्राय आर्थिक व्यवस्था के स्थान पर सर्वेसर्वा बन बैठा। बुआई के विकास के साथ समाज मे, आवश्यक रूप से, सामन्तशाही-दासता के विरुद्ध उदार विचारों का प्रसार हुआ । माक्र्सवाद के अनुसार इस बुजुआ सम्प्रदाय का भी समाज से लोप होगा और उसका स्थान समाजवादी मज़दूर वर्ग को मिलेगा । किन्तु बुर्जुआ सम्प्रदाय, अपने इस सम्भवनीय उत्तराधिकारी से कशमकश करते हुए, अपनी तथाकथित उदार विचारधारा को छोड वैठता और अपने अधिकार को अक्षुण्ण रखने के लिये अधिनायक-प्रणाली का पोषक बन बैठता है। ऐसी परिस्थिति में छोटे बुजुआ समुदाय के विचार बदलने लगते हैं और वह मज़दूर सम्प्रदाय का हामी होजाता है, बडे बुर्जुआ, एक मुट्ठी भर सशक्त पूजीवादी की शकल मे, रह जाते हैं और वह राष्ट्र के साधनो का नियन्त्रण करने लगते हैं । बुदेनी, मार्शल आप सोवियत रूस के राष्ट्र रक्षा-विभाग के सहकारी * अधिकारी (Deputy People's Commissar for Defence)