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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२६४

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२१८ मंचूको की और प्रजातंत्र की स्थापना । तव से बाहरी मगोलिया, एक प्रकार से, सोवियत रूस के आश्रित है। चीन बराबर इसका दावा करता है । सन् १९२४ की रूस-चीना-सन्धि मे नाममात्र को इसे मान भी लिया गया है। बाहरी मगोलिया की सोवियत रूस के साथ सन्धि है और मचूको से इस देश पर किये गये जापानी-हमलों का इन दोनों देशो ने मुक़ाबला किया है । यहाँ एक छोटी पर आधुनिक ढंग की सेना है। शासन-प्रणाली सोवियत ढॉचे की है । बडी ‘हुरुलदान' यानी मगोलिया की रूसी ढंग की काग्रेस छोटी ‘हुरुलदान' या कार्यकारिणी समिति का चुनाव करती है, और यह समिति सरकार को चुनती है । मंगोलियन चीनियों से विभिन्न हैं और तुर्की से मिलती-जुलती भाषा बोलते हैं । साइवेरिया की सीमा पर स्थित होने के कारण यह देश, रूस के लिये, विशेष सामरिक महसी वि-: य ' ट - रू' स... त्व का है। .. . | ४ p५ JJ, डडो उगा 4 अडाई, पर्वत, " मी म रुन ॐ मलि था आबादी अधिकाश ख़ानाबदोश और पशु-पालन पर जीवित रहनेवाली है, इसलिये समाजवादी - कार्यक्रम का प्रश्न । ही नहीं उठता। मंचुको--चीन का पूर्वकालिक सचूरिया प्रान्त; क्षेत्र० ४,६०,००० वर्ग; जनसख्या ३,००,००,००० । जापान का सन् १६०५ से ही इस प्रान्त पर दॉत था, जबकि, पीकिन-सन्धि के अनुसार, उसे वहाँ विशेषाधिकार मिल चुके थे। १९१५ ई० मे हुई सन्धि के अनुसार जापान को विशेष रिआयती अधिकार - मचूको में और मिले। इस प्रदेश पर रूस भी अपना प्रभुत्व जमाना चाहता चिं चा ईन