फिर भी मालवीयजी महान हैं, देश के लिए उनके श्रध्दर्शताब्दी से श्रधिक काल तक निरन्तर की हुई सेवाऍ महान हैं। उनका तपोमय जीवन महान है। देश के प्रारम्भिक राजनीतिक- विकास के युग मे मालवीयजी एक प्रेरणा रहे है। उनकी जिह्रा पर सरस्वती विराजती है, और उनके भाषाऍ में सरस रसधारा प्रवाहित होउठती है। हजारो उसमें परिप्लावत और पुनीत हुए है। देश के जीवित नेताओं में मालवीयजी महाराज ही इस समय सबसे पुरात्न है।
मध्य युग- योरप के इतिहास मे, आठवी शताब्दी के बाद से २४ वीं शताब्दी तक का समय, मध्य युग कहलाता।
मध्य योरप- मध्य योरप में पोलैएड, चैकोस्लोवाकिया, आस्ट्रिया-ह्ंगरी तथा बलगारिया आदि देश शामिल हैं।
मनरो सिद्धान्त-स्ंअयुक्त राज्य अमरीका का एक राज्नीतिक सिधान्त है जिसके अनुसार वह अमरीकी महान द्वीप के किसी भी मामले मे योरप में हस्तश्केप को स्वीकार नहीं करता। इस सिधान्त के जन्मदादा स्युक्त राज्य अमरीका के राष्ट्र्पति मनरो है, जिन्होने कहा-" अमरीका के महाद्वीपो मे, जिन्होने अब स्वाधीन तथा स्वतन्त्र स्तिथी प्राप्त करली है, भविष्य मे किसी भी योरपीय राष्ट्र को अपने उपनिवेश बनाने का अधिकार न होगा। इन महाद्वीपों मे जो आन्दोलन चल रहे हैं उनसे हमारा घनिष्ट स्ंब्ंध है। उन राष्ट्रो की शासन-पध्दति अमरीका की शासन प्रयाली से भिन्न है। "
पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२६९
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