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अरब देश
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मिया में अरबो की स्वाधीनता चाहता था। सर हेनरी ने लिखा कि ब्रिटेन मक्का के शरीफ की उपर्युक्त मॉग को स्वीकार करने के लिए तैयार था परन्तु पश्चिम मे दमिश्क, होम्स, हामा और यलेप्पो को वह अपने संरक्षण मे रखना चाहता था। युद्ध के बाद कोई सयुक्त स्वाधीन अरब राज्य नही स्थापित किया गया, जैसा कि युद्ध से पूर्व वादा किया गया था। इससे अरबो में असन्तोष फैल गया। संयुक्त अरब राज्य के स्थान पर छोटे-छोटे परतत्र राज्य ईराक़, फिलिस्तीन, ट्रान्सजोर्डेनिया, सीरिया बना दिये गए। इन पर अँगरेज़ो और फ़्रासीसियो का आधिपत्य क़ायम होगया। केवल हेजाज़ प्रदेश ही स्वतंत्र रह सका। इस प्रकार


अरबो का राष्ट्रीय आन्दोलन, युद्ध के बाद, ब्रिटेन और फ्रान्स के विरुद्ध होने लगा। अरब देश में बड़े उपद्रव हुए। फिलिस्तीन में यहूदी-अरब-संघर्ष ख़ूब हुआ। सन् १९३२ में ईराक़ को स्वतंत्रता देदी गई। शाम को भी सन् १९३६ में स्वतंत्रता दी गई। परन्तु फ्रान्स ने अभी तक इस देश से अपनी फौज़े वापस नही बुलायी हैं।


अरब-देश--अरब देश में निम्नलिखित देश शामिल है:-- (१) सऊदी अरब--यह सबसे विशाल और अधिक स्वतंत्र है। (२)यमन--इसका क्षेत्रफल ७५,००० वर्गमील तथा जन-संख्या ३,५०,००० है। यह स्वतंत्र राज्य में है। इसका शासक इमाम कहलाता है। (३)अदन--यह ब्रिटेन के संरक्षण में है। इसमे हैदरामौत भी शामिल है। कुल क्षेत्रफल १,१२,००० वर्गमील है। सामरिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है। (४)ओमन--क्षेत्रफल ८२,००० वर्गमील और जनसंख्या ५,००,००० है। इसका शासक सुल्तान सर सैयद बिन तैमूर है। यहाॅ एक ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंट भी रहता है। इसकी