पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२९१

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भूत्गेलिभी के अतिरिक्त दल के कुछ नेता और हैं जिनमे काउन्ट किसानो और काउन्ट प्रा-ची मुयय हैं । (विशेष जानकारी के जिने देखिये-परियम' । ) मुहर अली जिन्ना-भारतीय मुसलिम लीग के अध्यक्ष । कराची मे, सन् १८७६ ई० हे, पैदा हुए । कराची तथा इगलेयड से शिव पाई । हैलिटर होकर आये । १८९७ में बम्बई हाईछोह में वकालत शुरु की । पेशे में शोध ही चमक निकले । सर १९०६ में दादाभाई नौरोजी के प्राइवेट जैकेटरी अने और भारतीय राजनीतिक जागरण के दादा से राजनीति का ककहरा पद' । सत् १९१० में इम्पीरियल लेजिल्लेटिव गौसिल ( अब केन्दीय अल मती ) के सदस्य चुने बाये और १९१९ तक चुन जाते गो, जबकि रपट बिल के विरोध में सदस्यता से त्याग-पत्र दे दिया । इस पद पर रहकर आपने देश की प्रशंसनीय सेवा की । इ" ले० कतसेल में आप सरकारी पक्ष की धा-जियो" उदा देते थे और लेखा आपके यह भाषण सुनने-पड़ने को लालायित रहा करते थे । सन् १९१९ तक आप का-ग्रेसी नेता रहे और उसके अधिवेशनों ने बराबर क्रियात्मक भाग लेते (हे । मुसलिम लीग ने भी आप भाग लेते थे, किन्तु तब आपकी गणना प्रगतिशील मुसलिम नेताओं में थी : रखाव मजैक्य और सामूहिक राजनीतिक विकास के आप पसंद हामी थे । सत् १९२० में मुसलिम लीग के अधिवेशन के सभापति बने । १९२३- २५ में शासनकाल जो-ब कमिटी के सदस्य रहे । सेडहस्ट० कमिटी ( १९२६-२७ ) के भी सदस्य रहे 1 गोलमेज सम्मेलन में भी शरीक हुए । केकय असे- स्वली में मुहिम स्वतंत्र दल के नेता रहे । मुसलिम लीग के विपरीत, १९२८ मे, आपने साइमन कमीशन का बाँ९ककार और उसकी जंत्च का ।वेरोध य-ब मनी-ध किया था । सत् १९३४ से आपने मुसांलेम लीग केरे पुनर्मटित करना शुरू. किया और तब से आज चम-- तक उसके काइदे आलम हैं । आपके गुणों में भ-मबरे मलवाकांत्हा भी टिक है । बिना साहब आज भारत के भाग्य-विधाता, में नाई, वस्ता१नेया और लेम- य-ब