यूगोस्लाविया
यद्दपि यूक्रेनियो को स्व्शासनाधिकार प्राप्त हे, तथापि वहां के अधिवासियो मे भीतर-ही-भीतर, अपनी वर्तमान स्थिती के प्रती,राष्टीय असंतोष की भावना हे। हिटलर का विचार उससे फायदा उठाक को रूस से पृथक कर जर्मनी के अधीन कर देने का रहा हॅ। यूक्रेन संसार के बहु-अन्न-उत्पादक देशो मे हॅ और रुस का प्रधान ओधॉगिक प्रदेश भी। प्रतिवर्ष वहां १ करोड ६० लाख टन अन्न पॅदा होता हे। १६२० के यूक्रेनी-सोवियत और पोलॅएंड के युद्ध के बाद बरतानिया ने पच बनकर 'कर्ज़न रेखा' नाम से, इन दोनो देशो की, कॉमी विचार से, जो हदबंदी की, उसके अनुसार पोलॅएंड के पूर्वी प्रदेश का ६० लाख यूक्रेनी आबादी का इलाका अलग बनगया। पोलॅएंड ने इसे अस्वीकार कर दिया। किंतु सोवियत-सघ इस प्रदेश को अपने मे मिलाने का दावा करता रहा। अन्तत, सितम्बर १६३६ मे जब जर्मनी ने पोलॅएंड पर आक्रमण किया,तब रूस ने इस अवसर से लाभ उठाकर पुर्वी पोलॅएंड के इस भाग पर अपना अधिकार कर लिया। इस प्रकार वर्तमान यूक्रेन का क्षेत्रफल बढकर लगभग २ लाख वर्गमील और जनसंख्या ४ करोड से अधिक हो गई, किंतु इस संख्या मे अल्पमत पोलिश भी हॅ। जुलाई १६४० मे सोवियत सघ ने उत्तरी बुकोबिना के यूक्रेनी-अधिवासी जिलो और बॅसरेबिया के यूक्रेनी हिस्सो को,८ लाख यूक्रेनियो सहित, रुमानिया से लेकर अपने मे मिला लिया। यूक्रेनी जाति कि कुल संख्या ३ करोड ६० लाख हॅ। सन १६४१ मे रूस-जर्मन-युद्ध मे नात्सी यूक्रेन के अधिकरी भाग का अपहरण कर चुके थे-लगभग पूरे भाग का। बॅसरेबिया और बुकोविना को रूमानिया वापस ले चुका हॅ। पोलॅएंड का सम्बन्ध की रूस-सध-संधी भी १६४१ मे रद की जाचुकी हॅ। किन्तु बहादुर रूसी बोलशेबिक अब विजय पर विजय प्राप्त कर रहे हॅ, यूक्रेन मे भी वह जीत रहे हे, और वह दिन दूर नही हॅ, जब इन नात्सी नर-पिशाचो को वह अपनी पवित्र भूमि से निकाल बाहर करेंगे। यूगोस्लाविया- क्षेत्र ६५,००० वर्गमील, जन १,३६,००,०००, जिसमे ६४ लख सर्व, ४० लाख क्रोट, १० लाख स्लेवेनीज, ५|| लाख हंगेरियन, और तीन लाख ज्रर्मन हॅ,बकिया अलबानी, बलगारी, मकदूनी तथा दूसरी अल्पसंख्यक जातिया हॅ, राजधानी बेलग्रेड। यह नवीन देश कई रज्यो के