यूगोस्लाविया
प्रदेशो को मिलाकर बनाया गया था। इनमे क्रोट तथा स्लोवेनीज सबसे अधिक प्रगतीशील हॅ। इसके बोसनीया प्रदेश मे १५ लाख मुसलमान हॅ। नाना भांति के लोगो क यह देश यहां की सरकार के लिए एक समस्या रहा हॅ। इनमे कोट जाति के लोग यूगोस्लाविया मे स्वतन्त्र सध-राज्य की स्थापना करना चाह्ते हॅ। लडाई के बाग इस देश मे निरन्तर अशान्ति रही और नवम्बर १६२८ मे कोशियन कृषक दल के नेता को एक सदस्या ने पार्लमेंट की बॅठक मे गोली से मार दिया। बादशाह अलेक्जेन्डर प्रथम ने पार्लमेंट करके अधिनयक शासन-प्रणाली कायम कर दी। ३ अक्तूबर १६२६ से पूर्व यह "सर्ब, कोट तथा स्लोवेनीज का राज्य" कहलाता था। इस दिन 'यूगोस्लाविया' नाम रखा गया। इसमे नॉ प्रान्त बनाए गए और सब दल तोड दिए गाए। ३ सितम्बर १६३१ को नया शासन-विधान जारी किया गया, जिसके अनुसार पार्लमेंट की दो घारासभाए नियुक्त कीगई। ६ अक्तूबर १६३४ को बादशाह अलेक्जेन्डर की फ्रान्स मे हत्या कर दी गई। रजकुमार पीटर द्वितीय के नाबालिंग होने के कारण बादशाह के चचेरे भाई, प्रिन्स पाल,के नेतृत्व मे एक शासन परिषद बनादीगई। १६३५ मे डा स्तोयादीनोविच प्रधान मन्त्री बना। उसने काम से सम्बन्ध तोडना और जर्मनी, इटली की ओर झुकना शुरु किया। १६३८ मे यह जर्मनी गया। अबतक जर्मनी के साथ इसने देश का व्यापारिक-सम्बन्ध बहुत बढा लिया था। लेकिन इसकी नीति से बरतानिबा और उसके मित्र थे। प्रिन्स पाल अनेक बार लन्दन भी गया। वर्तमान युद्ध शुरु होने पर यूगोस्लाविया ने अपनी की।इस पर जर्मन,ब्रिटिश और रुसी प्रभाव इस देश मे अपने अपने स्वर्थ के लिए आपस मे टकराते रहे।